पंजाब में अब जेल में ही गैंगवार, मारे गए सिद्धू मूसेवाला की हत्या के दो आरोपित: खालिस्तानियों ने भी नए सिरे से शुरू कर दिया है आतंक

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (फोटो साभार: The Pollywood)

पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचर हो चुकी है। अब जेल में गैंगवार की घटना सामने आई। इसमें पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपित दो गैंगस्टर मारे गए। इनकी पहचान मनदीप तूफान और मनमोहन सिंह के रूप में हुई। वहीं एक अन्य गैंगस्टर केशव गंभीर रूप से घायल हुआ है। ये सभी पंजाब के तरनतारन में गोइंदवाल साहब जेल में बंद थे। घटना रविवार (26 फरवरी 2023) की है।

दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के अनुसार, गैंगस्टर मनदीप सिंह तूफान की जेल में बंद अन्य कैदियों के साथ किसी बात को लेकर बहस हुई थी। कुछ देर बाद यह बहस मारपीट में बदल गई। जहाँ अन्य कैदियों ने मनदीप, मोहन और केशव पर हमला कर दिया। इस दौरान कैदियों ने उन पर धारदार हथियारों से भी हमला किया। इस हमले में मनदीप और मोहन की जान चली गई। वहीं केशव गंभीर रूप से घायल है। उसे इलाज के किए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

जेल में हुए गैंगवार को लेकर पंजाब के डीएसपी जसपाल सिंह ढिल्लों ने कहा है कि गोइंदवाल साहिब जेल में गैंगस्टर्स के बीच मारपीट हुई। इसमें मनदीप सिंह तूफान मारा गया। वहीं, दो अन्य गैंगस्टर केशव और मनमोहन सिंह मोहना को सिविल अस्पताल तरनतारन में भर्ती कराया गया था। इसमें से मनमोहन की मौत हो गई। केशव गंभीर रूप से घायल है।

तरनतारन के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. जगजीत सिंह ने भी मनदीप सिंह तूफान और मनमोहन सिंह मोहना की मौत की पुष्टि की है। वहीं, सीनियर पुलिस अधीक्षक गुरमीत सिंह चौहान ने कहा है कि मारे गए गैंगस्टर्स के खिलाफ कुछ अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज थे। मारे गए गैंगस्टर मनदीप, मनमोहन और घायल गैंगस्टर केशव एक ही गुट के हैं।

बता दें कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को पंजाब के मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया समेत 34 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसमें करीब 1 दर्जन से अधिक शार्प शूटर के नाम शामिल हैं।

गौरतलब है कि पंजाब की कानून व्यवस्था पूरी तरह से बेकाबू चुकी है। खालिस्तानी आतंकी राज्य में एक बार फिर सिर उठा रहे हैं। हाल ही में अजनाला थाने में हुई घटना भी इस बात का सबूत है कि पंजाब पुलिस खालिस्तानियों पर रोक लगाने में असमर्थ है। वहीं, राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया