Jesus School में नाबालिग आदिवासी छात्राओं से रेप, ORS में मिला कर दिए जाते थे ड्रग्स

भदोही में दलित नाबालिग की हत्या (प्रतीकात्मक चित्र)

महाराष्ट्र स्थित चंद्रपुर से एक जघन्य अपराध का मामला सामने आया है। यहाँ पुलिस ने एक हॉस्टल सुपरिटेंडेंट और डिप्टी हॉस्टल सुपरिटेंडेंट को गिरफ़्तार किया है। ये दोनों ही इन्फेंट जीसस इंग्लिश स्कूल के हॉस्टल में कार्यरत थे। राजुरा पुलिस ने उस मेडिकल टेस्ट के बाद यह कार्रवाई की, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि 9 व 11 वर्ष की दो आदिवासी नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया है। इन दोनों बच्चियों को 6 अप्रैल को चंद्रपुर स्थित जीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन दोनों को सेडेटिव ड्रग्स का ओवरडोज दिया गया था।

दोनों ही हॉस्टल सुपरिटेंडेंट पर बच्चियों से बलात्कार और उनका यौन शोषण करने का आरोप है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा कि हॉस्टल सुपरिटेंडेंट चबन पचारे (Chaban Pachare) के दफ़्तर से पुलिस ने भारी मात्रा में वियाग्रा और कंडोम्स ज़ब्त किए हैं। उसे शनिवार (अप्रैल 13, 2019) को गिरफ़्तार किया गया। बता दें कि यौन क्षमता बढ़ाने के लिए पुरुषों द्वारा वियाग्रा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। डिप्टी हॉस्टल सुपरिटेंडेंट नरेंद्र विरुत्कर को रविवार (अप्रैल 14, 2019) को गिरफ़्तार किया गया।

स्थानीय पुलिस-प्रशासन और जनजातीय विभाग तब पूरी तरह से सक्रिय हो उठा जब राज्य के वित्त मंत्री और चंद्रपुर के प्रभारी मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मामले का संज्ञान लेते हुए विस्तृत जाँच के आदेश दिए। पुलिस ने बताया कि हॉस्टल सुपरिटेंडेंट को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उसके दफ़्तर से आपत्तिजनक वस्तुएँ ज़ब्त की गई हैं। एसपी महेश्वर रेड्डी ने बताया कि एक अन्य लड़की को भी ड्रग्स देने का मामला सामने आया है। बेहोशी की शिकायत करने के बाद उसे अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया है। वहाँ उसका मेडिकल परीक्षण भी होगा।

सामाजिक कार्यकर्ता और मनसे नेता राजू कुकुड़े ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एसपी से मिलने के बाद बताया कि 6 अप्रैल को हॉस्टल की 13 लड़कियाँ बेहोशी की हालत में थीं। राजुरा के एक लोकल अस्पताल में उनका इलाज कराया गया था। उनमें से दो को चंद्रपुर जीएमसीएच में भर्ती कराया गया क्योंकि उनकी हालत गंभीर थी। डॉक्टर्स ने शुरुआती इलाज के दौरान कुछ गड़बड़ियाँ देखी और उन्हें रेप का शक हुआ। डॉक्टर्स ने ये बात मर्दानी महिला मंच को बताई, जिसने मामले को पुलिस तक पहुँचाया।

दोनों लड़कियाँ एक सप्ताह तक मेडिकल परीक्षण कराने से इनकार करती रहीं लेकिन उनके अभिभावकों की सहमति से उनका मेडिकल परीक्षण किया गया, जिसमें रेप की पुष्टि हुई। मामले में पोस्को एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जिन अन्य लड़कियों के बेहोश होने की सूचना मिली है, उनके घर भी पुलिस भेजकर बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और वकील पारोमिता गोस्वामी ने हॉस्टल की अन्य लड़कियों का भी यौन उत्पीड़न किए जाने का अंदेशा जताया है।

घटना की निंदा करते हुए गोस्वामी ने हॉस्टल की पीड़ित लड़कियों से बातचीत करने के बाद कहा कि उन्हें ओआरएस के घोल में सेडेटिव ड्रग्स मिला कर दिए जाते थे। हॉस्टल प्रशासन ने गिरफ़्तार सुपरिटेंडेंट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। राजुरा विधायक संजय धोते ने मामले को मुख्यमंत्री फडणवीस तक ले जाने की बात कही है। उन्होंने उस जनजातीय हॉस्टल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ ही बच्चियों को दूसरे हॉस्टल शिफ्ट करने की माँग की।

टीओआई के सूत्रों के अनुसार, उस हॉस्टल में 300 छात्र-छात्राएँ हैं, जिसमें से 130 कक्षा पहली से दसवीं तक की लड़कियाँ हैं। इस मामले में शिवसेना ने आज मंगलवार को विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। 18 अप्रैल को एक दर्जन से भी अधिक जनजातीय समूहों व संगठनों द्वारा जान आक्रोश मोर्चा बनाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया