दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के बाद उमर खालिद की स्वरा भास्कर से लेकर AltNews के पत्रकार तक से हुई बात: वकील ने कोर्ट में चैट पढ़कर सुनाए

उमर खालिद

साल 2020 के हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के सरगनाओं में से एक उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान 9 अप्रैल 2024 को चौंकाने वाले खुलासे हुए। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अमित प्रसाद ने कोर्ट में जो खुलासे किए, उससे लोग संभवत: अब भी अनजान हैं। उन्होंने उमर खालिद का अन्य सेलिब्रिटी के साथ किए गए चैट के बारे में बताया, जो नैरेटिव बदलकर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया गया था।

दिल्ली दंगों के तुरंत बाद एक अनुकूल कहानी बनाने के लिए उमर खालिद जिन लोगों से बात कर रहा था, उनमें अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अभिनेता सुशांत सिंह, एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव, कॉन्ग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी, वामपंथी पत्रकार रघु कर्नाड, रसिका महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा स्वाति चतुर्वेदी, तीस्ता सीतलवाड, आकार पटेल, एमनेस्टी इंटरनेशनल, अज़हर खान और कौशिक राज से भी चैट की।

उमर खालिद अभिनेत्री स्वरा भास्कर के करीबी संपर्क में था। स्वरा के साथ अपनी चैट में उमर खालिद ने उनसे डॉक्टर कफील खान के पक्ष में एक कहानी बनाने के लिए कहा था। एक अन्य चैट में उसने स्वरा से कहा था कि कोलकाता के पार्क सर्कस में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी उनकी मौजूदगी चाहते हैं। अभिनेता जीशान अयूब की बीवी रसिका ने उमर खालिद को एक हिंदू के रूप में समर्थन दिया था।

जिस व्हाट्सएप चैट का उल्लेख उमर खालिद के वकील त्रिदीप पेस ने किया था, उसमें सुशांत सिंह ने 11 जून 2020 को उमर खालिद के निर्देशानुसार द क्विंट से लिंक साझा किया था। इसमें मीडिया पोर्टल ने दावा किया था कि पुलिस ने खालिद, ताहिर हुसैन और अन्य पर 8 जनवरी 2020 को एक बैठक के दौरान साजिश रचने का आरोप है। ऐसा ही लिंक पत्रकार कर्नाड को भी भेजा गया था।

इसके बाद उमर खालिद और योगेंद्र यादव के बीच हुए चैट को भी कोर्ट को साझा किया गया। बता दें कि पुलिस की चार्जशीट में इसकी साजिश रचने वालों में यादव भी शामिल हैं। CAA को लेकर जामियाी में भड़की हिंसा के बाद 7 दिसंबर को उमर खालिद और योगेन्द्र यादव ने शजरील इमाम से मुलाकात की थी। फिर अगले दिन जंगपुरा में इन तीनों की अन्य लोगों के साथ बैठक हुई।

चार्जशीट के मुताबिक, इस बैठक में इसी बैठक में चक्का जाम करने की योजना बनाई गई। शरजील इमाम को दिल्ली और उसके आसपास के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को संगठित करने के लिए कहा गया। यह भी निर्णय लिया गया कि यूनाइटेड अगेंस्ट हेट और स्वराज्य अभियान जैसे संगठन इसमें हरसंभव तरीके से एक-दूसरे की मदद करेंगे।

सरकारी वकील ने इस दौरान उमर खालिद और मोहम्मद जुबैर की कंपनी AltNews के एक ‘पत्रकार’ के बीच हुई बातचीत को भी पढ़ा। AltNews ने पूछा कि क्या वे उमर खालिद को उद्धृत कर सकते हैं, लेकिन उमर खालिद ने कहा कि वह अपना नाम दिखाना चाहता है। AltNews ने उसकी बात मान ली। यह बातचीत इस बात पर थी कि उमर खालिद से जुड़ी कहानी किस तरह लिखी जानी चाहिए।

सरकारी वकील ने यह बताया कि जब उमर खालिद जेल में है तो मीडिया प्लेटफार्मों पर गलत सूचना फैलाकर उसके पक्ष में एक कहानी बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। एसपीपी ने बताया कि द वायर की अरफा खानम शेरवानी ने उमर खालिद के पिता और पूर्व सिमी आतंकवादी एसक्यूआर इलियास का एक साक्षात्कार चलाया। इससे पता चला कि कैसे इलियास नैरेटिव बनाकर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए झूठ बोल रहा है।

सुनवाई के बाद उमर खालिद के कई समर्थकों ने दावा किया कि सरकारी वकील द्वारा उल्लेखित तथ्यों का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि उमर खालिद लोगों से बात करने के लिए स्वतंत्र थे। तीस्ता, आकार आदि जैसे अन्य लोग जेल में रहने के दौरान उनका समर्थन करने के लिए स्वतंत्र थे। हालाँकि, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वे बड़े मुद्दे से (शायद जानबूझकर) चूक गए।

इन लोगों से उमर खालिद के घनिष्ठ समन्वय था और यह बताता है कि दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों की साजिश रचकर हिंसा की खबर को विश्व स्तर पर चलाई गई थी। यह साजिश को बताता है और किसी आरोपित की जमानत अर्जी पर फैसला करते समय एक महत्वपूर्ण कारक बन जाता है।

(यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में नूपुर जे शर्मा ने लिखी है। आप इस लिंक पर क्लिक करके इसे विस्तार से पढ़ सकते हैं।)

Nupur J Sharma: Editor-in-Chief, OpIndia.