उमर खालिद ने ताहिर हुसैन के साथ मिल कर रची थी दिल्ली दंगों की साजिश: कोर्ट ने कहा- पर्याप्त सबूत हैं मौजूद

उमर खालिद के खिलाफ जाँच आगे बढ़ाने को कोर्ट की हरी झंडी (फाइल फोटो)

दिल्ली की एक अदालत ने माना है कि जेनएयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने पिछले साल की शुरुआत में राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा की साजिश रची थी। कोर्ट ने एक बयान में कहा कि शुरुआती सबूतों से ऐसा ही प्रतीत होता है। आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया जाँच निष्कर्षों के अनुसार, JNU के छात्र नेता रहे उमर खालिद और AAP के पार्षद रहे ताहिर हुसैन ने मिल कर नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों की साजिश रची थी – ये मानने के वाजिब आधार हैं। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने ये बातें कही।

कोर्ट ने मंगलवार (दिसंबर 5, 2020) को पूरक आरोप-पत्र का संज्ञान लेते हुए उक्त टिप्पणी की। दिल्ली में फ़रवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में हिन्दू-विरोधी दंगे भड़क गए थे, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। कोर्ट ने कहा कि खजूरी खास में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में उमर खालिद के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिससे इस मामले में जाँच आगे बढ़ाया जा सकता है।

कोर्ट ने एक गवाह के बयान का भी अध्ययन किया। इसके बारे में कोर्ट ने कहा कि ये बयान ये दिखाने के लिए पर्याप्त है कि उक्त अवधि में उमर खालिद दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपित ताहिर हिस्सें से लगातार संपर्क में था, जिस पर इन दंगों की फंडिंग के साथ-साथ लोगों को लूटपाट और सम्पत्तियों को जलाने के लिए भड़काने का आरोप है। कोर्ट ने इस आरोप को भी नोट किया कि उमर खालिद ने घूम-घूम कर दिल्ली में लोगों को भड़काया और आपराधिक षड्यंत्र रचे।

गवाहों ने अपने बयान में बताया कि उन्होंने ताहिर हुसैन को लोगों में रुपए बाँटते हुए देखा था, ताकि वो CAA के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में आ सकें। कोर्ट ने ये भी नोट किया कि इन आरोपितों द्वारा भड़काए जाने के बाद लोग इकट्ठे हुए और सम्पत्तियों को जलाया गया, तोड़फोड़ की गई। गवाहों ने उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन को शाहीनबाग़ आंदोलन के दौरान साथ भी देखा था।

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अब कोर्ट की हरी झंडी के बाद इस मामले में जाँच आगे बढ़ेगी। इससे पहले उमर खालिद ने कोर्ट में दावा किया था कि उसे पता ही नहीं है कि उसके ऊपर क्या आरोप तय किए हैं। उसने अपने वकील को चार्जशीट न दिए जाने का आरोप ददिल्ली पुलिस पर लगाया था। कड़कड़डूमा कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसे चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध करा दी जाएगी। उसने इस मामले में फेयर ट्रायल का अधिकार न मिलने का आरोप लगाया था।

इससे पहले कट्टरपंथी मुस्लिम और हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के आरोपित उमर खालिद ने कथित तौर पर पुलिस के सामने कबूल किया था कि वह मुस्लिम समूहों को संगठित करने, उन्हें उकसाने और बड़े पैमाने पर हिंसा की साजिश रचने में शामिल था। 2020 की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के हिंदू विरोधी दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल की थी। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया