गैर-मुस्लिम लड़कियों के साथ लिव-इन, फिर निकाह और धर्मांतरण: सरफराज के मोबाइल से मिले कई सबूत, विदेश से फंडिंग

सरफराज लिवइन में रहकर करता था धर्मांतरण (साभार: दैनिक जागरण)

अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी के सहयोगी सरफराज अली जाफरी को लेकर उत्तर प्रदेश ATS ने कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस को आरोपित सरफराज अली के मोबाइल से कई अहम सबूत मिले हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरफराज के फोन से गैर मुस्लिम महिलाओं से लिव इन रिलेशनशिप में रहकर निकाह करने के भी साक्ष्य मिले हैं। एटीएस ने खुलासा किया कि सरफराज व मौलाना कलीम के नेटवर्क के जरिए जिन लोगों का धर्मांतरण किया जाता था, उनका ब्यौरा मौलाना उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर को भी भेजा जाता था। ऐसा कहा जा रहा है विदेश से फंडिंग के लिए यह ब्यौरा साझा होता था।

इस्लामी धर्मान्तरण रैकेट की जाँच कर रही उत्तर प्रदेश ATS ने गुरुवार (7 अक्टूबर 2021) को बड़ी कार्रवाई करते हुए मौलाना कलीम सिद्दीकी के सहयोगी सरफराज अली जाफरी को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी अमरोहा जिले से की गई थी। बताया जा रहा है कि भारत के ‘सबसे बड़े धर्मांतरण गिरोह’ को चलाने के आरोपित मौलाना कलीम सिद्दीकी के साथ मिलकर काम कर रहा था और 2016 से ही इसमें लिप्त था।

गौरतलब है कि कलीम सिद्दीकी को पिछले महीने ही ATS ने गिरफ्तार किया था। ATS के आईजी जीके गोस्वामी ने खुलासा किया कि मौलाना सिद्दीकी से पूछताछ के दौरान सरफराज अली जाफरी के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा, “मौलाना कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर में जाफरी काम करता था। वह रिवर्ट, रिहैब और दावा व्हाट्सएप ग्रुप का भी मेंबर था। इसी के जरिए उसके गिरोह के लोगों ने धार्मिक नफरत फैलाने के साथ ही लोगों को लालच देकर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया।”

ये लोग धर्मान्तरण करने वाले लोगों को काम दिलाने में मदद करने का वादा करते थे। इसके लिए जाफरी को मौलाना सिद्दीकी से फंडिंग मिलती थी। उसके सेलफोन की जाँच से पता चला है कि गैरकानूनी धर्मान्तरण की गतिविधियों के लिए उसे विदेशों से भी फंडिंग मिलती थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया