कुणाल कामरा पर आपराधिक मामला के लिए याचिका: मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती, 2 मार्च को सुनवाई

कुणाल कामरा पर आपराधिक मामला के लिए याचिका (साभार: Indiatv news)

हाल ही में मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था जिसके बाद ‘कॉमेडियन’ कुणाल कामरा के खिलाफ़ आपराधिक मामले को रद्द कर दिया गया था। जिसमें उस पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के लिए एफ़आईआर दर्ज करने की माँग की गई थी, अब उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी की सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट आदेश को चुनौती देने वाली संशोधन/पुनर्विचार याचिका (revision petition) स्वीकार कर ली है। दरअसल, कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट की एडिटेड तस्वीर साझा की थी, जिसमें अदालत के ऊपर लगे हुए तिरंगे की जगह भारतीय जनता पार्टी का झंडा लगा हुआ था। 

कामरा पर आपराधिक मामला ख़त्म करने वाले आदेश को चुनौती

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक़ एडिशनल सेशन जज अनुराधा कुशवाहा की अदालत ने 11 फरवरी 2021 को संशोधन याचिका पर नोटिस जारी किया था। इस मामले पर अगली सुनवाई 2 मार्च 2021 को होनी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कामरा ने सुप्रीम कोर्ट की एक तस्वीर ट्वीट की थी, जिसका रंग भगवा था और उसके ऊपर भाजपा का झंडा लगा हुआ था। इसके अलावा उसने देश की सबसे बड़ी अदालत पर अपमानजनक टिप्पणी भी की थी। इस संशोधन याचिका में मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत कुणाल कामरा के खिलाफ़ आपराधिक मामले को खारिज कर दिया गया था। 

यह पुनर्विचार/संशोधन याचिका सौरभ तिवारी नाम के वकील ने दायर की थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि कामरा की हरकत ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है।

अपराध सोशल मीडिया पर हुआ इसलिए नहीं तय हो सकता न्याय क्षेत्र

मजिस्ट्रेट के आदेश से हतोत्साहित होकर सौरभ तिवारी ने वाराणसी की सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और वहीं पर एफ़आईआर दर्ज करने की माँग उठाई थी। क्योंकि ये कृत्य सोशल मीडिया पर किया गया था, इसका मतलब ये हुआ कि जितनी जगहों में ट्विटर का उसका पोस्ट देखा गया उतनी जगहों पर अपराध को अंजाम दिया गया। सौरभ तिवारी ने निवेदन किया था कि कामरा को राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम की रोकथाम 1971 की धारा 2 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन), 505 (लोक रिष्टिकारक वक्तव्य) के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट में कामरा पर अवमानना का मामला

कुणाल कामरा पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अवमामना का मामला चल रहा है। अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया केके वेणुगोपाल ने पिछले साल नवंबर में इस मामले पर सुनवाई की अनुमति प्रदान की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई थी। न्यायाधीश अशोक भूषण, सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने दिसंबर 2020 में कामरा के खिलाफ़ दायर की तीन अवमानना याचिका स्वीकार की थी। अवमानना के एक मामले की सुनवाई 22 फरवरी 2021 को है।    

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया