रणजीत सिंह मुस्लिम परिवार के संपर्क में आने पर बना ‘हिजबुल मुजाहिदीन सद्दाम’, मकसद – लोगों को ट्रक से कुचलना, तिरंगे में अशोक चक्र की जगह इस्लाम का चिह्न

संदिग्ध आतंकी सद्दाम शेख (साभार: क्राइम तक)

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (UP ATS) द्वारा 2 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किए संदिग्ध सद्दाम शेख और रिजवान से पूछताछ कर रही है। इस बीच सद्दाम शेख को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सद्दाम का उसका असली नाम रणजीत सिंह है। 20 साल पहले पिता ने पीटा तो रणजीत भागकर मुंबई चला गया और धर्मांतरण कर सद्दाम शेख बन गया।

सद्दाम उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के तरबगंज का रहने वाला है। चोरी करने के कारण 20 साल पहले उसके पिता ने उसकी पिटाई कर दी थी। इसके बाद परिवार से गुस्सा होकर रणजीत मुंबई भाग गया था। वहाँ वह एक मुस्लिम परिवार के संपर्क में आया। मुस्लिम परिवार ने उसका ब्रेनवॉश करने के बाद एक मौलाना से धर्म परिवर्तन कराकर उसे सद्दाम शेख नाम दे दिया।

सद्दाम शेख बनने के बाद रणजीत बेंगलुरु की एक कंपनी में ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करने लगा। इस बीच वह कट्टरपंथियों के संपर्क में आकर खुद कट्टरपंथी बन गया और साल 2020 में वह आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़ गया। इस बीच उसे पता चला कि उसकी बीवी का अवैध संबंध हैं तो उसने पत्नी के प्रेमी और उसके परिवार की हत्या करने की सोची।

उधर, सद्दाम की बीवी रुबीना ने 3 जुलाई को कहा था कि सद्दाम गोंडा का रहने वाला नहीं है। उसे साल 2005 में गुजरात के लालापुरवा में रहने वाला राकेश लेकर आया था। उसे गाँव में जमीन दिलाई थी और फिर इसके बाद 2010 में गांव के पूर्व प्रधान के रेशम फार्म में काम करने वाले खान ने उसका निकाह करा दिया था। 

रुबीना ने कहा कहा था, “हमने कई बार ये जानने की कोशिश की वो कहाँ का रहने वाला है। इस पर सद्दाम हर बार यही कहता था कि हमारा कोई नहीं है। हमारे माँ-बाप मर चुके हैं। वो हमें बचपन में ही छोड़कर चले गए थे।” रुबीना ने कहा था कि सद्दाम गाँव में बहुत शांत रहता था।

सद्दाम शेख ने एक कॉलिंग ऐप पर अपना नाम हिजबुल मुजाहिदीन सद्दाम रखा था। वह पाकिस्तान और कश्मीर के कई आतंकियों के सीधे संपर्क में भी था। वह फ्रांस-जर्मनी में साल 2016 में हुई आतंकी घटनाओं की तर्ज पर बेंगलुरु में भी लोगों को ट्रकों से कुचल कर मारना चाहता था। सद्दाम ट्रक को किसी धार्मिक आयोजन में घुसाना चाहता था। इसके लिए वह वीडियो देखा करता था।

सद्दाम किस हद तक कट्टरपंथी बन चुका था, इसका अंदाजा उसकी सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है। उसने अपनी पोस्ट में लिखा था, “संविधान में बदलाव को लेकर मुस्लिमों को जागना होगा। जिहाद हमारे खून में है। कुर्बानी से नहीं डरेंगे। सरकार मुस्लिमों पर ज्यादती करती है। बाबरी मस्जिद के फैसले से नाराज हूँ। बदले की चाहत है। ओसामा बिन लादेन और बुरहान वानी मेरे आदर्श हैं।”

सद्दाम तिरंगे में स्थित अशोक चक्र की जगह पर इस्लाम का चिह्न लगाना चाहता था। वह लगातार आपत्तिजनक पोस्ट करता था। इसको लेकर फेसबुक तीन बार उसका अकाउंट बंद कर चुका था। वह ओसामा बिन लादेन, जाकिर मूसा, बुरहान वानी जैसा बनना चाहता था। इतना ही नहीं, वह आतंकी संगठनों से हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी लेना चाहता था।

दूसरा संदिग्ध रिजवान जम्मू के पुंछ का रहने वाला है। वह खुद ही कट्टरपंथी रास्ते पर चल पड़ा और खतरनाक मंसूबों के साथ सोशल मीडिया पर सक्रिय था। उसने सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ पोस्ट डाली थी। इसके साथ ही उसने AK-47, जेहाद, शरिया लागू करने से जुड़ी कई पोस्ट की थी।

UP ATS को पता चला है कि आरोपित रिजवान जाकिर मूसा के आतंकी संगठन की शपथ लेकर उसमें शामिल हो चुका था। उसने ने सोशल मीडिया के एक पोस्ट में लिखा था, “जिहाद की राह में फिदा होने के लिए अपनी बारी का इंतजार है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया