रमजान में बच्चों से नमाज पढ़वा रहा था हाथरस का BLS स्कूल: हनुमान चालीसा पढ़कर विरोध, प्रिंसिपल सोनिया और टीचर इरफान-रिजवान निष्कासित

हाथरस के स्कूल में प्रार्थना के बहाने बच्चों से पढ़वाई गई नमाज (फोटो साभार- अमर उजाला)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बीएलएस इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों से जबरन नमाज पढ़वाए जाने के बाद अभिभावकों में गुस्सा है। अभिभावकों का आरोप है कि मंगलवार (18 अप्रैल 2023) को विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर सभा का आयोजन किया गया था। इसी दौरान बच्चों से जबरन नमाज पढ़वाई गई। अभिभावकों और हिंदूवादी संगठनों के के आक्रोश को देखते हुए स्कूल की प्रधानाचार्य सोनिया और दो शिक्षकों को निष्कासित कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, स्कूल में नमाज पढ़ाए जाने की जानकारी मिलते ही परिजन बुधवार (19 अप्रैल 2023) को स्कूल पहुँचे। उन्होंने नमाज पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताते हुए प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में इलाके के हिंदूवादी नेता भी शामिल हुए। विरोध में स्कूल के गेट पर हनुमान चलीसा का पाठ भी किया गया।

अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में बच्चों के हाथों से कलावा (रक्षासूत्र) भी उतरवा लिए जाते हैं। बच्चों द्वारा टीका लगाने पर या लड़कियों के मेहंदी लगाने पर रोक लगाई जाती है। अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की।

स्कूल में पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने भी घटना की पुष्टि की है। इससे संबंधित वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता और अभिभावक दोषी शिक्षकों पर एफआईआर दर्जकर कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि छोटे बच्चों को छोड़कर सभी को नमाज पढ़ने के लिए बुलाया गया था। हिंदूवादी कार्यकर्ताओं का कहना है कि छोटे बच्चों से नमाज पढ़वाकर धर्मांतरण की पहली सीढ़ी चढ़वाई गई है।

हालाँकि, स्कूल प्रशासन ने नमाज पढ़वाने की बात से इनकार किया है। बीएलएस इंटरनेशनल स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर कमल शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि कल विश्व धरोहर दिवस था। साथ ही रमजान का महीना का चल रहा था। इसलिए बच्चों से प्रार्थना कराई गई थी। उन्होंने स्कूल में कलावा उतारने की घटना से भी इनकार किया।

लोगों की नाराजगी को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने प्रधानाचार्य सोनिया मैकफर्सन, शिक्षक इरफान इलाही और कंबर रिजवान को निष्कासित कर दिया है। हंगामे को बढ़ता देख जिलाधिकारी ने जाँच के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी को 5 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया