‘…तुम्हारा हश्र भी कमलेश तिवारी जैसा होगा’ – UP में अपने ही विभाग के मंत्री को शकील अहमद ने दी धमकी

मंत्री राजेश्वर सिंह (बाएँ) को कमलेश तिवारी (दाएँ) वाला हश्र करने की धमकी

उत्तर प्रदेश में एक दर्जा प्राप्त मंत्री को ही जान से मार डालने की धमकी मिली है। बीज विकास निगम के उपाध्यक्ष और दर्जा प्राप्त मंत्री राजेश्वर सिंह को निगम के ही सहायक भंडार अधिकारी द्वारा धमकी दिए जाने की बात सामने आई है। आरोप है कि अधिकारी शकील अहमद ने राजेश्वर सिंह को धमकाया कि उनका भी हश्र हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी जैसा ही होगा। बता दें कि कमलेश तिवारी की कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी थी।

बख्शी का तालाब थाने में मंत्री राजेश्वर सिंह ने शकील अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। ये घटना शनिवार (सितम्बर 19, 2020) की है, जब मंत्री बीकेटी क्षेत्र में स्थित बीज निगम के गोदाम का निरीक्षण करने पहुँचे हुए थे। राजेश्वर सिंह का कहना है कि जब से उन्हें जिम्मेदारी मिली है, तब से वो लगातार निरीक्षण के लिए आते हैं। इसी क्रम में वो बीकेटी संयंत्र में भी गए थे। शकील अहमद वहाँ 23 सालों से तैनात हैं।

मंत्री ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उन्होंने सहायक भण्डारण अधिकारी शकील अहमद को गोदाम से अनुपस्थित पाया। परियोजना अधिकारी एके राव ने 8 बार फोन कर के शकील अहमद से बात की और उन्हें उपस्थित होने को कहा। मंत्री ढाई घंटे तक वहाँ रहे लेकिन शकील अहमद लगातार बहानेबाजी करते रहे। वो कभी खुद के ऑफिस में होने तो कभी रास्ते में होने की बात कर रहे थे। बाद में उन्होंने गाड़ी पंक्चर होने का बहाना बनाया।

इसके बाद मंत्री राजेश्वर सिंह ने खुद शकील अहमद से बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त अधिकारी फोन पर ही उनके साथ गाली-गलौज पर उतर आया। उसने धमकाते हुए कहा, “ज्यादा भंडार व माल की जाँच के चक्कर में पड़ोगे तो तुम्हें जान से मारवा दूँगा।” उसने जाँच-पड़ताल बंद करने की धमकी देते हुए मंत्री से कहा कि वो उसका कुछ भी नहीं उखाड़ पाएँगे। इसके बाद उसने धमकाया कि राजेश्वर सिंह का वही हश्र होगा, जो लखनऊ में कमलेश तिवारी का हुआ था।

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मंत्री ने जानकारी दी है कि अभी तक के निरीक्षण में भंडार में 56 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई है। शकील अहमद के खिलाफ आईपीसी की धारा 504, 506 और 507 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।

बीकेटी थाने की पुलिस का कहना है कि जाँच के बाद उसकी गिरफ़्तारी हो सकती है। ‘सुदर्शन न्यूज़’ ने इसे अपने अभियान से जोड़ कर देखते हुए जानकारी दी कि इसकी फाइल सीएम योगी के पास भेज दी गई है और इस मामले में 2 अधिकारी निलंबित हुए हैं।

जून 2020 में इसी तरह से जब पत्रकार अमीश देवगन ने अपने शो में ख्वाजा गरीब नवाज के लिए अनजाने में ‘आक्रांता’ शब्द का प्रयोग कर दिया था तो इसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पे असामाजिक तत्वों द्वारा हिंदूवादी नेता का हश्र याद दिलाकर बताया जा रहा था कि पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ बोलकर एक गलती कमलेश तिवारी ने भी की थी। इससे पहले भी कई अन्य लोगों को कमलेश तिवारी का नाम लेकर धमकाया जा चुका है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया