लखीमपुर खीरी हिंसा में मंत्री के ‘लापता’ बेटे को पूछताछ के लिए खोज रही यूपी पुलिस, घर के बाहर चिपकाया नोटिस

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (साभार: लाइव हिंदुस्तान)

उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार (7 अक्टूबर 2021) को लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के घर के बाहर नोटिस चिपका कर उनके बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस के सामने पेश होने को कहा है। आशीष पर लखीमपुर में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप है और उनके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज है।

नोटिस में मिश्रा को 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे रिजर्व पुलिस लाइन, जनपद खीरी स्थित क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पेश होने के लिए कहा गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि आशीष मिश्रा पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304 ए, 302 और 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ लोगों की जान गई है। ऐसे में पुलिस ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पुलिस के सामने पेश होकर अपने बचाव में लिखित, मौखिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश करने के लिए कहा गया है।

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पुलिस ने यह नोटिस घटना के बाद आशीष मिश्रा के लापता होने की खबरों के बाद लगाया है। वहीं, गुरुवार (7 अक्टूबर) को को पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान आशीष के करीबी लवकुश राणा और आशीष पांडे के रूप में हुई है।

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किसान इस बात पर जोर दे रहे हैं कि घटना के समय आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद थे और जिस कार से दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी, उस कार को आशीष मिश्रा ही चला रहे थे। वहीं, उनके पिता का कहना है कि आशीष उस दिन मौके पर मौजूद ही नहीं थे।

इससे पहले शनिवार को हुई इस घटना में पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को टक्कर मारने वाली कार में आशीष मिश्रा बैठे थे। जगजीत सिंह नाम के व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि वो घटना ‘पूर्व नियोजित’ थी, जिसके लिए मंत्री और उनके बेटे ने ही ‘साजिश रची’ थी।

वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र शर्मा के मुताबिक, इस मामले की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने 9 सदस्यों की Monitoring Team का गठन किया है। इसके अलावा, जाँच में नामजद आरोपित आशीष मिश्रा के अलावा 6 आरोपियों की पहचान हुई है, जिनमें तीन आरोपितों की किसानों ने मौके पर पीट पीटकर हत्या कर दी थी और दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

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लखीमपुर खीरी की हिंसा को कॉन्ग्रेस पार्टी ने बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाया था। बताया जा रहा है कि विरोध कर रहे किसानों ने पहले भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमला किया, जिसके बाद एक वाहन ने कथित तौर पर नियंत्रण खो दिया और दो किसानों को टक्कर मार दी। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने वाहन पर हमला कर दिया, उसमें आग लगा दी और कार में सवार लोगों के साथ मारपीट की। इस हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं, एक पत्रकार और ड्राइवर की मौत हो गई। हिंसा में दो और किसानों की मौत की खबर आई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया