ईसाई मिशनरी स्कूल सेंट फ्रांसिस में सिख छात्रों के पगड़ी, कृपाण, कड़ा पर रोक: पैरेंट्स ने किया विरोध, योगी सरकार से कार्रवाई की अपील

सेंट फ्रांसिस स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन करते सिख समुदाय के लोग (फोटो साभार: अमर उजाला)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली में ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाया जा रहा ‘सेंट फ्रांसिस स्कूल’ सिख (Sikh) भावनाओं को आहत करने के मामले में विवादों में घिर गया है। स्कूल प्रबंधन ने सिख छात्रों के स्कूल में पगड़ी, कृपाण और कड़ा पहनकर आने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन ने मनमानी करते हुए कहा है कि अगर किसी को ये सब पहनना है तो वो अपना नाम कटाकर जा सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, उक्त स्कूल जिले के बारादरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। डेलापीर स्थित ये स्कूल 12वीं तक का है। ये मामला उस वक्त सामने आया, जब बुधवार को प्रार्थना सभा में स्कूल की एक शिक्षक ने सभी को समान ड्रेस कोड में आने को कह दिया। इसके साथ ही शिक्षक ने ये भी कहा कि जो पगड़ी, कृपाण और कड़ा पहनकर आते हैं वो भी ये सब बंद कर दें। इसकी जानकारी लगते ही सिख बच्चों के माता-पिता ने इसका विरोध शुरू कर दिया।

वहीं इस मामले को लेकर गुरुवार (21 जुलाई 2022) को यूथ खालसा समूह के अध्यक्ष मनजीत सिंह बिट्टू ने संजय नगर गुरुद्वारा में समुदाय के लोगों की एक बैठक की। इसके बाद आक्रोशित सिखों ने स्कूल में जाकर धरना दिया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मामले में मॉडल टाउन गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मालिक सिंह कालरा ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शनों के कारण छात्रों को स्कूल में परेशान किया जा रहा है। इसी कारण खुलकर कोई भी अभिभावक सामने नहीं आ रहा है। सिख भावनाओं को आहत करने के मामले में प्रिंसिपल सिस्टर लिसमिन को हटाने की माँग की गई है।

इसी तरह से स्कूल में विरोध प्रदर्शन करने पहुँचीं अमनदीप कौर ने आरोप लगाया कि ऐसा करके स्कूल प्रबंधन सिखों की धार्मिक भावनाओं को कुचलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई करने की माँग की है। आंदोलनकारियों ने स्कूल प्रबंधन से तुगलकी फरमान को वापस लेने की माँग की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया