योगी राज में गाँव लौटा फौजी का परिवार, अखिलेश के CM रहते परिवार के 5 लोगों की कर दी गई थी हत्या

अखिलेश राज में गॉंव छोड़ भागे फौजी परिवार की योगी राज में घर वापसी

परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद एक फौजी का परिवार उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपना गॉंव छोड़कर चला गया था। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून-व्यवस्था में सुधार के बाद यह परिवार 7 साल बाद फिर अपने गॉंव लौट आया है। गॉंव पहुॅंचकर पुलिस की मदद से उन्होंने अपना घर, जमीन और संपत्ति भी वापस पा ली है।

प्रवेश राठी सेना में जवान और अभी जयपुर में तैनाती है। मीडिया वालों से बात करते हुए उन्होंने कहा जब से योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कमान सँभाली है तब से प्रदेश का माहौल बहुत बेहतर हुआ है। जिस तरह सरकार ख़ूँख़ार अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है और उन्हें सज़ा सुनाई जा रही है, वह सराहनीय है। 

प्रदेश के तमाम जिलों में लोगों के बीच अपराध को लेकर भय कम हुआ है। इस देखकर मुझे लगा कि हालात पहले से बेहतर हैं और मेरी वापसी संभव है। इस दौरान बागपत के पुलिस अधीक्षक, आईजी मेरठ समेत कई अधिकारियों ने प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था को लेकर आश्वासन भी दिया था।

दरअसल एक पुराने विवाद के चलते प्रवेश राठी के परिवार के 5 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मरने वालों में उनकी माता सरोज, पिता रामवीर, उनके भाई प्रवीण और संजीव शामिल थे। इसके अलावा भी उनके घर पर कई बार गोलीबारी की गई थी। हत्या का आरोप गाँव के ही प्रमोद गंगनोली और उसके परिवार वालों पर लगा था। प्रमोद गंगनौली पर एक लाख रुपए का इनाम भी रखा गया था। उसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है। 

इस घटना से भयभीत और आहत होकर फौजी के परिवार ने गाँव छोड़ दिया था। यह घटना साल 2013 में हुई थी जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। यह हत्याएँ उस वक्त हुई जब पुलिस की तरफ से सुरक्षा मिली हुई थी। वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रवेश राठी का मनोबल बढ़ा और उन्होंने गाँव वापस लौटने का फैसला लिया।  

रविवार (6 सितंबर 2020) को पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में प्रवेश राठी ने अपने खेत की जुताई की। इसके अलावा पुलिस ने उन्हें अपना पैतृक गाँव स्थित घर भी वापस दिलाया। राठी ने कहा कि अब वह अपना गाँव छोड़ कर कहीं नहीं जाएँगे, क्योंकि अब प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था पहले की तुलना में काफी बेहतर है। हम अपने गाँव में शांति से रह सकते हैं अब हमें किसी का डर नहीं है।  

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया