पति शाहिद नहीं देता था पैसे, परेशान रुखसार ने दूध के लिए रोते 8 महीने के बेटे का घोंटा गला!

माँ ने घोंटा 8 महीने के बेटे का गला (फोटो साभार: अमर उजाला)

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे से एक ऐसा वारदात सामने आया है, जिसे सुनकर किसी की भी रूह काँप जाएगी। खबर के मुताबिक, अपनी औलाद की सलामती के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाने वाली माँ ने अपने ही 8 महीने के बेटे की हत्या कर दी। कारण- क्योंकि वो भूखा था, वो दूध के लिए रो रहा था। 8 महीने का बच्चा अहद तीन दिन से भूखा था और दूध के लिए तेज आवाज में रो रहा था। आर्थिक तंगी से जूझ रही माँ रुखसार को जब भूख से तड़पते अपने बेटे की चीखें बर्दाश्त नहीं हुईं, तो उसने बच्चे की गला दबाकर उसकी चीख को हमेशा के लिए शांत कर दिया।

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आरोपित माँ रुखसार का कहना है कि वो अपने बेटे अहद के लिए दूध का इंतजाम नहीं कर पा रही थी। अहद रात से ही दूध के लिए तेज आवाज में रो रहा था। रुखसार का कहना है कि वो उसे रात भर पानी पिलाने की कोशिश करती रही, मगर फिर भी अहद रोए जा रहा था। अहद का इस तरह से रोना रुखसार से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने गला दबा कर उसे हमेशा के लिए सुला दिया।

नवभारत टाइम्स के गाजियाबाद संस्करण में प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट

रुखसार की 4 साल की बेटी अनम ने पुलिस को बताया कि उसकी माँ (रुखसार) सुबह काफी गुस्से में थी और उसने गला दबाकर अहद की हत्या कर दी। फिलहाल पुलिस ने रुखसार को हिरासत में ले लिया है। रुखसार का पति शाहिद मुंबई में नौकरी करता है। बीवी से किसी बात को झगड़े के कारण शाहिद 4-5 महीने से घर पर रुपए-पैसे नहीं भेज रहा था। बड़ी मुश्किल से रुखसार अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही थी। इसी दौरान कुछ समय पहले 8 महीने के अहद को खून संबंधित कोई बीमारी हुई। जैसे-तैसे 90 हजार रुपए जुटाकर रुखसार ने आगरा में उसका इलाज करवाया। गुरुवार की शाम को जब फिर से अहद को तेज बुखार आया तो डॉक्टर ने बिना पैसे के दवा देने से इनकार कर दिया। अफसोस! रात भर बच्चे के बुखार और भूख से रोने की तड़प को रुखसार ने शुक्रवार की सुबह उसे सदा के लिए सुला कर शांत कर दी।

शुक्रवार (जुलाई 12, 2019) को अपने बेटे की हत्या कर रुखसार उसके शव के पास ही बैठी रही और किसी को भी शव के पास नहीं आने दिया। हालाँकि, अनम से मिली जानकारी के बाद परिजन और आस-पड़ोस के लोग वहाँ पहुँचे। इससे रुखसार को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया। उसका कहना था कि जब बच्चे भूखे थे, तो कोई नहीं आया और अब भीड़ जमा हो गई है।

हालाँकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कहना है कि अहद को सुबह ही दूध पिलाया गया था। इस रिपोर्ट में उसके पेट में दूध होने की बात कही गई है। डॉक्टरों ने भी अहद के तीन दिन से भूखे होने की बात को नकार दिया है। उनका कहना है कि बच्चे की आँत भी बिल्कुल सही है। डॉक्टर और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शायद सरकारी लीपापोती भी हो सकती है। फिलहाल पुलिस जाँच में जुटी है और जाँच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि आखिर क्यों एक माँ ने अपने कलेजे के टुकड़े आठ महीने के बेटे अहद को मौत की नींद सुला दिया!

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया