मौलाना के बेटे ने दलित के चेहरे पर थूका, हाथ में काटा: लॉकडाउन में गुटखा-बीड़ी देने से कर दिया था इनकार

पुलिस ने हमलवारों को दबोच लिया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

देश भर में जारी लॉकडाउन और कोरोना संकट से लड़ने के बीच मेरठ से एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है। यहाँ मौलाना के बेटों ने गुटखा और बीड़ी न देने पर दुकानदार के साथ मारपीट की। पीड़ित दुकानदार दलित है। उसको बुरी तरह पीटने के साथ ही मौलाना के बेटे ने हाथ में काट लिया और चेहरे पर थूक दिया। इसके बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया है।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर

घटना शनिवार (अप्रैल 4, 2020) रात 8 बजे की है। दरअसल लॉकडाउन की वजह से आवश्यक सामग्रियों को छोड़कर सभी दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। मेरठ के लखवाया गाँव के अरुण ने भी सरकार के इसी निर्देश का पालन करते हुए अपनी दुकान बंद रखी थी। गाँव के ही इस्लामुद्दीन का बेटा रहीश उसकी दुकान पर आया। उसने अरुण से बीड़ी और गुटखा का बंडल माँगा। मगर अरुण ने लॉकडाउन की वजह से दुकान बंद होने की बात कहकर गुटखा और बीड़ी का बंडल देने से मना कर दिया।

इसके बाद रहीश गाली-गलौज करने लगा। अरुण व अन्य ग्रामीणों ने विरोध किया तो वह देख लेने की धमकी देकर चला गया। थोड़ी देर बाद रहीश अपने भाइयों व अब्बू के साथ आया और अरुण को घर से खींचकर बाहर निकाल कर ले गए। इसके बाद उसको लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। रहीश ने अरुण के हाथ में काट लिया। इससे अरुण के हाथ में गहरा घाव भी हो गया।

रहीश यहीं पर नहीं रुका। उसने अरुण के चेहरे पर थूक दिया। इस बीच शोर सुनकर ग्रामीण वहाँ पर जमा हुए, तो हमलावर भाग निकले। बाद में पुलिस ने घेराबंदी कर हमलावरों को दबोच लिया। इंस्पेक्टर बीपी सिंह ने बताया बीड़ी का बंडल लेने पर झगड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि पीड़ित ने आरोपित के खिलाफ कंकरखेड़ा थाने में तहरीर दी है। तहरीर के आधार पर आरोपितों के खिलाफ दर्ज किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया