उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भाजपा नेताओं और किसानों के बीच चर्चा के दौरान जयंत चौधरी की पार्टी लोकदल के कार्यकर्ताओं के नारेबाजी के कारण विवाद हुआ। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना में कई लोग घायल हो गए हैं। फिलहाल घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उनका उपचार हुआ। इसके बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसबल भी तैनात किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान सोमवार (22 फरवरी 2021) को मुजफ्फरनगर जनपद के सोरम गाँव में तेरहवीं में शामिल होने के लिए पहुँचे थे। राज्य मंत्री सोरम की ऐतिहासिक चौपाल पर किसानों को समझाने भी वाले थे। इस दौरान लोकदल के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया, विरोध के बाद मंत्री जी समर्थकों और लोकदल के उपद्रवियों के बीच टकराव की स्थिति बनी। थोड़ी ही देर में वहाँ मारपीट होने लगी जिसमें कुल 3 लोग घायल हो गए।
इसके बाद ही शाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोरम गाँव में पंचायत शुरू हो गई। इसके अलावा लोकदल के किसानों का कहना है कि भाजपा नेताओं पर एफ़आईआर दर्ज की जाए। घटना को लेकर डॉ. संजीव बालियान का कहना है कि वह तेरहवीं में गए थे। वह अंदर बैठे थे तभी बाहर से चार पाँच युवक आए और सभी ने नारेबाज़ी की, उन सभी युवकों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया था। हम सिर्फ चर्चा करना चाहते थे, हंगामा करने वाले राष्ट्रीय लोकदल के समर्थक बताए गए हैं।
https://twitter.com/drsanjeevbalyan/status/1363856533084200967?ref_src=twsrc%5Etfwकेंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा, “आज जब सोरम में स्वर्गीय श्री राजबीर सिंह जी की शोकसभा एवं रस्म पगड़ी में शामिल हुआ, इस दौरान लोकदल के 5-6 नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बदतमीजी तथा गाली गलौज की। जिस पर स्थानीय निवासियों ने उन्हें ऐसा करने को मना किया तथा वहाँ से भगा दिया। लोकदल पार्टी जिस तरह से किसानों की आड़ में आपसी भाईचारा खराब करने का प्रयास किया वह निंदनीय है।”
https://twitter.com/jayantrld/status/1363791847370285058?ref_src=twsrc%5Etfwइस घटना पर राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, “मुजफ्फरनगर के सोरम गाँव में भाजपा नेताओं और किसानों के बीच हुए संघर्ष में कई लोग घायल हो चुके हैं। किसान के पक्ष में बात नहीं तो कम से कम व्यवहार तो अच्छा रखो। किसान की इज्जत तो करो। इन क़ानूनों के फ़ायदे बताने जा रहे सरकार के नुमाइंदों की गुंडागर्दी बर्दाश्त करेंगे गाँव वाले?”