बजट सत्र पर तैनात होंगे STF कमांडों, PFI के अंसाद बदरुद्दीन और फिरोज खान की गिरफ्तारी के बाद हाई अलर्ट पर UP

PFI के अंसाद बदरुद्दीन और फिरोज खान की गिरफ्तारी के बाद हाई अलर्ट पर UP (साभार: Ani)

लखनऊ की एक अदालत ने पीएफआई के सदस्यों अंसाद बदरुद्दीन और फिरोज खान को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने इन्हें मंगलवार (16 फरवरी, 2020) को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। केरल के रहने वाले दोनों आरोपितों पर एटीएस ने देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दो लोगों को विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया था। एसटीएफ का दावा है कि हिंदू संगठनों के नेता इन दोनों लोगों के निशाने पर थे।

दोनों की गिरफ्तारी के बाद से ही यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने विधानसभा की सुरक्षा बढ़ाते हुए चाक-चौबंद कर दिया है। 18 फरवरी यानी गुरुवार से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। कोई अनहोनी न हो इसके लिए विधानसभा की सुरक्षा के लिए एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्‍ता) कमांडो तैनात किए जाएँगे।

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राज्य पर मंडरा रहे आतंकी गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम को लेकर लखनऊ के अधिकारियों के साथ पुलिस लाइन में बैठक की। अधिकारी ने खाका तैयार करते हुए विधान भवन में शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर पुलिस कर्मियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। साथ ही एटीएस कमांडो भी विधानभवन की सुरक्षा में तैनात रहँगे।

PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने जानकारी दी कि इन दोनों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तार पीएफआई सदस्य वसंत पंचमी पर हिंदूवादी संगठनों के बड़े नेताओं को निशाना बनाना चाहते थे। इसके लिए पीएफआई से कई लोगों को जोड़ रहे थे।

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि इन दोनों लोगों के पास से 16 विस्फोटक, एक पिस्टल, 7 ज़िंदा कारतूस, 4800 रुपए नगद, 4 एटीएम समेत कई चीजें मिली हैं। पुलिस के इन दोनों लोगों के पास से ट्रेन के 12 टिकट और 2 पेन ड्राइव भी बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग 1 साल में इस संगठन के 123 लोगों को हमने गिरफ़्तार किया है।

पुलिस का मानना है कि ये लोग किसी आंतकी मंसूबे को अंजाम देने यहाँ आए हुए थे। हो सकता है इनके साथी इन्हें विस्फोटक देने वाले थे या फिर ये विस्फोटक प्राप्त कर चुके थे। पुलिस इन लोगों से गंभीरता से पूछताछ कर रही है।

बता दें कि पीएफआई का नाम यूपी के हाथरस की जातीय हिंसा में भी सामने आया था। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल हुई हिंसा के तार भी पीएफआई से जुड़े थे

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया