IAS इफ्तिखारुद्दीन के मुरीद हैं आमिर और शाहरुख खान? नया वीडियो हुआ वायरल, SIT करेगी जाँच

कानपुर के IAS इफ्तिखारुद्दीन का वीडियो वायरल, होगी जाँच (फोटो साभार: UttarPradesh.ORG News)

धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले IAS अधिकारी, पूर्व कमिश्नर व यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से जुड़ा एक नया वीडियो आया है। इस वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन नीचे बैठे हैं और एक अन्य शख्स उनकी तारीफ कर रहा है।

गुरुवार (सितंबर 30, 2021) को वायरल हुई इस वीडियो में शख्स का कहना है कि आमिर खान और शाहरुख खान भी कमिश्नर साहब के मुरीद हैं। शख्स के अनुसार, आमिर ने अपने बहनोई को भी कानपुर भेजा था ताकि वह कमिश्नर तक उनका सलाम पहुँचा सकें। ये वीडियो एसआईटी के पास भी पहुँच गया है। इसकी फॉरेंसिंक जाँच का फैसला हुआ है। अभी इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वीडियो में नजर आने वाला व्यक्ति कहता है कि आइएएस की बातें सुन कर आमिर खान इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि उन्होंने कमिश्नर को फोन किया और बहनोई को उनके मिलने भेजा।

https://twitter.com/smartnewsline/status/1443357350526693382?ref_src=twsrc%5Etfw

शख्स का दावा है कि मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की वजह से शाहरुख खान ने कुरान को पढ़ना शुरू किया। अब ये बात साफ नहीं है कि व्यक्ति जिन आमिर और शाहरुख का उदाहरण लोगों को समझाने के लिए दे रहा है वह बॉलीवुड सितारे हैं या कोई और।

इस वीडियो की जाँच एसआईटी द्वारा की जा रही है। वीडियो को जाँच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। एसआईटी के अध्यक्ष व सीबीसीआइडी के पुलिस महानिदेशक जीएल मीणा ने सर्किट हाउस में ही मंडलायुक्त कार्यालय से कुछ दस्तावेज मंगाए और उन्हें जाँच में शामिल किया।

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर के वरिष्ठ IAS इफ्तिखारुद्दीन के 3 वीडियोज वायरल हुए थे, जिसमें वो कथित रूप से मंडलायुक्त पद पर तैनाती के दौरान सरकारी आवास में मुस्लिम कट्टरपंथियों को बुलाकर धर्म-परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले पाठ पढ़ा रहे हैं। उन पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस्लामी कट्टरता को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। ‘मठ मंदिर समन्वय समिति’ ने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की। अब मामले में एसआईटी जाँच हो रही है

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कानपुर ही नहीं कई राज्यों के मुस्लिम इसमें शामिल होने के लिए आते थे। यह भी कहा जा रहा है कि बंगला खाली करने के बाद जब उनके आवास की सफाई हुई तो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाला साहित्य भारी मात्रा में बरामद हुआ था। मगर IAS अफसर होने के चलते तब मामले को दबा दिया गया था।

बता दें कि इफ्तिखारुद्दीन 17 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर के मंडलायुक्त रहे। वह श्रमायुक्त का पदभार भी सँभाल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनसे जुड़े जो करीब आधा दर्जन वीडियो वायरल हो रहे हैं। वह उस समय कानपुर के मंडलायुक्त थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया