कल-पुर्जा बनाने के नाम पर लिया दो मंजिला मकान, चला रहे थे हथियारों की फैक्ट्री: इसरार, आरिफ सहित 5 गिरफ्तार

बंगाल एसटीएफ ने अवैध हथियार फैक्ट्री का किया भंडाफोड़

पश्चिम बंगाल के कुल्टी थाना क्षेत्र में चल रहे एक हथियार फैक्ट्री का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। पॉंच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। करीब 350 अर्द्धनिर्मित हथियार बरामद किए गए हैं।

फैक्ट्री थाना क्षेत्र के नियमतपुर के नूर नगर इलाके में चल रहा था। आरोपितों ने वॉशर और गाड़ी का कल-पुर्जा बनाने के नाम पर यहॉं एक मकान किराए पर लिया था। लेकिन, इसकी आड़ में वे हथियार बना रहे थे।

नूर नगर की तंग गलियों में आलमारी, अलमारी लॉक, गाड़ी का कल-पुर्जा बनाने वगैरह के कई छोटे-छोटे कारखाने चलते हैं। यहीं से हथियार बनाकर यह गिरोह बंगाल के अलावा बिहार और झारखंड में भी इसकी सप्लाई कर रहा था।

जानकारी के मुताबिक बंगाल एसटीफ ने शुक्रवार (29 मई 2020) की देर रात फैक्ट्री पर छापेमारी की। मौके से पिस्टल बनाने की मशीन के अलावा करीब 350 अर्द्धनिर्मित व अर्द्धनिर्मित 7 एमएम पिस्टल के हेक्सा ब्लेड, रॉड और अन्य सामान मिले। एसटीएफ ने मकान मालिक सहित पाँच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार किए गए अपराधियों की पहचान झरिया निवासी इसरार अहमद और आरिफ, बाघमारा हरिणा निवासी, सूरज कुमार साव और उमेश कुमार और धनसार निवासी अरुण कुमार वर्मा के रूप में हुई है। बंगाल पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री में बनने वाले हथियार की सप्लाई बंगाल के अलावा बिहार और झारखंड में की जाती थी।

एसटीएफ की उपायुक्त अपराजिता रॉय ने बताया कि गैरकानूनी हथियार कारखाने चलाने के मामले में ही गत 19 फरवरी को शौकत अंसारी नाम के एक अपराधी को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में बंद है।

अंसारी से पूछताछ के बाद उसने पश्चिम बर्दवान के कुल्टी थाना अंतर्गत नियामतपुर इलाके में गैरकानूनी तरीके चल रहे हथियार कारखाने के बारे में खुलासा किया था।

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक नूरनगर निवासी मो. अशरफ का दो मंजिला मकान आरोपितों ने करीब 13 महीने पहले किराए पर लिया था। आरोपितों ने बगल में स्थित बगान में एक बड़ा कमरा बना लिया था। उक्त कमरे में ही कारखाना चल रहा था।

आपको बता दें कि झरिया के हमीद नगर में पिछले साल 16 मार्च को मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था। इस मामले में भी इसरार और आरिफ जेल गए थे। मौके से मुंगेर के हथियार कारीगर भी दबोचे गए थे।

बताया जा रहा है कि झरिया में फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद ठिकाना बदल कर नियामतपुर में हथियार का कारखाने का संचालन किया जा रहा था। इसरार व आरिफ ने ही अशोक, सूरज और उमेश को अपने गिरोह में शामिल किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया