मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) शासित पश्चिम बंगाल में साधुओं के साथ पालघर लिचिंग जैसा वाकया सामने आया है। साधुओं के साथ ना सिर्फ अभद्रता की गई, बल्कि उन्हें नंगा किया गया, उनकी जटाएँ खींची गईं, उनके गेरुआ वस्त्र को रौंदा गया और डंडों से उनकी पिटाई की गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 30 सेकेंड के इस वीडियो को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाए हैं। बंगाल बचाने का आह्वान करते हुए मालवीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध हो गया है।
उन्होंने लिखा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पालघर की तरह की एक लिंचिंग में मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा। ममता बनर्जी के शासन में शाहजहाँ शेख जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है।”
वीडियो में साफ दिख रहा है कि भीड़ पुरुलिया की सड़कों पर कुछ लोग सरेआम साधुओं की बेरहमी से पिटाई कर रही है। उनकी जटाओं को पकड़कर घुमा रही है। इस दौरान साधु बचने की कोशिश करते हैं और रहम की गुजारिश करते हैं, लेकिन हमलावर मानने को तैयार नहीं है। वहाँ चारों तरफ लोगों खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं। वहीं, एक आदमी उन साधुओं को बचाने की कोशिश करता दिख रहा है।
इस वीडियो को शेयर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने X पर लिखा है, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पालघर पार्ट 2 का नजारा देखने को मिला। जिस प्रकार से साधु-संतों को पीटा गया, टीएमसी के गुंडों के द्वारा। जिस प्रकार उद्धव ठाकरे जी के राज में पालघर पार्ट 1 हुआ था, उस प्रकार ममता दीदी के राज में पालघर पार्ट 2 इसलिए हो रहा है कि वहाँ राजनीतिक हिंसा चरम पर पहुँच चुकी है?”
जयहिंद ने आगे कहा, “वहाँ कोई भी सुरक्षित नहीं है। चाहे वो ED के ऑफिसर हों, सेंट्रल एजेंसी के लोग हों, राष्ट्रवादी लोग हों या साधु-संत हों। क्या इतनी नफरत हो चुकी है जय श्रीराम कहने से? क्या इतनी नफरत हो चुकी है नफरत हो चुकी है हिंदू होने से? वहाँ शाहजहाँ जैसे गुंडे को तो पूरा संरक्षण मिल रहा है। यही हकीकत है आज के पश्चिम बंगाल की।”
रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुलिया में साधुओं के साथ हुई पिटाई का पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालाँकि, साधु पक्ष की ओर से कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई है। TV9 की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित साधुओं का कहना है कि उन्हें लगता है कि मार खाना उनके भाग्य में ही लिखा है।
बताते चलें कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में 72 साल के कल्पवृक्ष गिरि और 35 साल के सुशील गिरि नाम के दो साधुओं की लिचिंग कर दी गई थी। वे दोनों अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे। इस दौरान पालघर में 200 लोगों की भीड़ ने उन्हें बच्चा चोरी करने का आरोप लगा रोका और दोनों साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।