‘शेख शाहजहाँ वापस आएगा तो तुम लोगों का क्या होगा’: संदेशखाली की पीड़िताओं को मिल रही धमकी, राष्ट्रपति को दर्द सुनाने के बाद बोले पार्थ बिस्वास

द्रौपदी मुर्मू एवं महिलाओं की प्रतीकात्मक तस्वीर (साभार: न्यूजट्रैक)

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की पाँच महिलाओं सहित हिंसा की शिकार 11 पीड़ितों ने शुक्रवार (15 मार्च 2024) को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप की माँग की है। बता दें कि संदेशखाली में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के पूर्व नेता शाहजहाँ शेख ने संदेशखाली की कई महिलाओं का यौन शोषण किया था।

सेंटर फॉर एससी-एसटी सपोर्ट एंड रिसर्च के निदेशक डॉक्टर पार्थ बिस्वास का कहना है, “संदेशखाली के मुद्दे को लेकर पीड़ितों ने आज भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया। राष्ट्रपति ने पूरे मामले को बड़ी संवेदना और सहानुभूति के साथ सुना और इस घटना से वो दुखी हुईं। आज 11 पीड़ित यहाँ आए हैं, जिनमें पाँच महिलाएँ और 6 पुरुष हैं।”

मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर पार्थ ने कहा, “पीड़िताओं को चिह्नित करके धमकाया जा रहा है कि जब उनके आसपास मीडिया के बंधु नहीं होंगे और शेख शाहजहाँ वापस आ जाएगा तो आप लोगों का क्या होगा… वहाँ स्कूल में जो बच्चे पढ़ने जा रहे हैं, उनके खिलाफ झूठा केस दिया जा रहा है। अभी वहाँ की स्थिति है।”

बिस्वास ने आगे बताया, “साल 2003 में शेख शाहजहाँ सीपीएम में शामिल हो गया। साल 2013 में वह टीएमसी में शामिल हो गया। शेख शाहजहाँ का अत्याचार 8-10 वर्षों से जारी है। जैसे-जैसे उनकी राजनीतिक शक्ति और प्रभाव वहाँ बढ़ता गया, वैसे-वैसे लोगों पर अत्याचार पूरे संदेशखाली में बढ़ता गया। ये सिर्फ एक दिन की बात नहीं है।”

डॉक्टर पार्थ ने बताया कि पीड़ितों ने संदेशखाली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति के हस्तक्षेप का आग्रह किया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि पीड़ित परिवारों की स्थिति बेहद चिंताजनक है और इस पर तत्काल ध्यान देते हुए हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

दरअसल, 5 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने राशन घोटाले को लेकर 24 नॉर्थ परगना जिले में आरोपित शाहजहाँ शेख के यहाँ छापा मारा था। हालाँकि, शाहजहाँ भाग निकला, लेकिन हजारों लोगों की भीड़ को बुलाकर ईडी की टीम पर हमला करवा दिया था। इस हमले में कई अधिकारी घायल हो गए थे।

इस घटना के करीब 2 सप्ताह बाद संदेशखाली की महिलाएँ सड़कों पर उतर आईं। उन्होंने शाहजहाँ और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न, जमीन हड़पने और वसूली करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की माँग की थी। देश भर से दबाव पड़ने के बाद बंगाल की पुलिस ने आखिरकार शाहजहाँ को गिरफ्तार कर लिया। बाद में टीएमसी ने उसे पार्टी से भी निकाल दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया