हमारे घर और मंदिर जलाए जा रहे, पश्चिम बंगाल पुलिस उलटा हमें ही मार रही: तेलिनीपाड़ा के हिन्दुओं ने सुनाई व्यथा

तेलिनीपाड़ा में हिंदुओं की संपत्ति और मंदिरों को बनाया निशाना

पश्चिम बंगाल में एक इलाका है- तेलिनीपाड़ा। ये हुगली जिले के चंदर नगर में आता है। वहाँ से सांप्रदायिक हिंसा की ख़बर आई है। हिन्दुओं को धारदार हथियार लेकर खदेड़ा गया है, उनके घर जलाए गए हैं और उन्हें प्रताड़ित किया गया है- ऐसा वहाँ के एक स्थानीय व्यक्ति ने आरोप लगाया है।

कई भाजपा नेताओं ने भी यही आरोप लगाए हैं। पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक के बाद एक वीडियो शेयर कर ममता बनर्जी की आलोचना की थी।

स्थानीय व्यक्ति ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि तेलिनीपाड़ा में हिन्दू और दूसरे मजहब के लोग, दोनों ही रहते हैं। वो विक्टोरिया जूट मिल के पास का इलाका है। वहाँ के उर्दी बाजार में कोरोना वायरस का एक मामला आया था, जिसमें पति-पत्नी शामिल थे। उनका इलाज कोलकाता में चल रहा है।

इस केस के आने के बाद उनसे जुड़े 20 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया। टेस्टिंग की संख्या में इजाफा हुआ और वहाँ से 3-4 किलोमीटर दूर कथित अल्पसंख्यकों के प्रभाव वाले तेलिनीपाड़ा में भी टेस्टिंग चालू हुई।

स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि वहाँ के मिठाई का दुकानदार कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद उसे भी इलाज के लिए भेजा गया। पुलिस ने इलाके को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर दिया। वहाँ पुलिस ने बैरीकेडिंग की और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अन्य लोगों से अपील भी। लेकिन स्थानीय युवक ने बताया कि समुदाय विशेष वालों का आना-जाना कम नहीं हो रहा है और वो अभी भी रमजान के महीने में लगातार लॉकडाउन को धता बताते रहते हैं।

ये इलाका पहले भी साम्प्रदायिक तनाव के कारण सुर्ख़ियों में रहा है। वहाँ एक बार अवैध हथियारों की फक्ट्री भी सील की गई थी। कहा जाता है कि वहाँ दूसरे मजहब का अत्यधिक प्रभाव है और समाज-विरोधी गतिविधियाँ लगातार हो रही हैं।

जब वहाँ के स्थानीय हिन्दुओं ने लोगों की आवाजाही रोकने के लिए बैरिकेड लगाना शुरू किया तो कट्टरपंथी भड़क गए। उन्होंने रमजान का हवाला देते हुए कहा कि वो लोग तो इधर से आना-जाना करेंगे ही। इस पर स्थानीय व्यक्ति ने आगे बताया:

“हाल ही में इस बैरीकेडिंग से भड़के कट्टरपंथियों सबसे पहले पुलिस का विरोध किया। इसके बाद जब हिन्दुओं ने अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए बैरीकेडिंग शुरू की तो वो और भड़क गए। 3 दिनों पहले इलाके में भारी बारिश हो रही थी। बारिश के बीच ही कई कट्टरपंथी सड़क पर तलवार व अन्य हथियार लेकर निकल आए। बारिश के दौरान ही हिन्दुओं को खदेड़ा गया, उनके घरों पर हमला कर के तोड़फोड़ मचाई गई। कमिश्नर हुमायूँ कबीर ने पीड़ित हिन्दुओं की बात सुनने से इनकार कर दिया। हिन्दुओं की दुकानें भी लूटी गईं। सूरज साव की बर्तन की दुकान लूट ली गई।”

दरअसल, सूरज साव ने अपनी दुकान में लूटपाट होने के बाद पुलिस से इस बात के लिए अनुमति माँगी थी कि वो अपनी दुकान को खाली कर लें क्योंकि उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है और आगे कुछ और होता है तो वो नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे। पुलिस ने उन्हें इस बात की इजाजत नहीं दी। उनकी दुकान को आग लगा कर जला डाला गया।

ऑपइंडिया ने जब उनसे सम्पर्क किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की। जल्द ही हम इस सबंध में अलग से विस्तृत रिपोर्ट लेकर आएँगे और उनके साथ क्या कैसे हुआ, ये बताएँगे।

उनकी दुकान के पास ही एक आभूषणों की दुकान है, जिसे जला डाला गया। हिदुओं पर हो रहे इस एकतरफा हमले को देखते हुए स्थानीय भाजपा सांसद लौकेट चटर्जी हरकत में आईं और वो कोलकाता से घटनास्थल के लिए रवाना हुईं। लेकिन, पुलिस ने उन्हें इलाके में नहीं जाने दिया।

लौकेट चटर्जी ने इस बात को भी सोशल मीडिया पर रखा। स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि वहाँ का पार्षद समुदाय विशेष से है और प्रभावशाली है, इसीलिए पुलिस के साथ उसकी मिलीभगत है। कहा गया है कि वहाँ के दूसरे मजहब वालों के किए की हर सज़ा हिन्दुओं को ही मिलती है।

डीएम ने दिया इन्टरनेट बंद करने का आदेश

अचानक से रात में आई पुलिस कुछ हिन्दुओं को उठा कर ले गई और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। उक्त व्यक्ति ने बताया कि उसके भी एक मित्र को इसी तरह रात में ही पुलिस उठा कर ले गई। यहाँ तक कि पुलिस को खदेड़ने वाले कट्टरपंथियों की जगह भी हिन्दुओं को ही निशाना बनाया जाता है।

हालाँकि, पश्चिम बंगाल के लिए ये कोई नई चीज नहीं है लेकिन अब आए दिन ऐसा ही हो रहा है। लॉकेट चटर्जी पुलिस को फोन करती रह गईं लेकिन कमिश्नर ने उनका कॉल नहीं उठाया। स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि इलाके में डर का माहौल बना हुआ है।

लॉकेट चटर्जी ने बताया कि जो जनता काफी दिनों से शांत बैठी है, जो समुदाय कुछ ग़लत नहीं कर रहा- उस पर हमले हो रहे हैं। उनका कहना है कि ये हमले एक ही तरफ़ से हो रहे हैं। सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की नीति के कारण मालदा जैसी घटना बार-बार दोहराई जाती है।

कैलाश विजयवर्गीय ने भी वीडियो शेयर कर के दावा किया कि एक ही समुदाय के लोगों द्वारा हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। वीडियो में चारों तरफ धुआँ-धुआँ देखा जा सकता है। लोगों ने दूर से भी छत पर जाकर इस घटना को देखा है।

सांसद लॉकेट चटर्जी को पुलिस ने घटनास्थल पर जाने से रोका

स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने 17 मई तक इन्टरनेट वगैरह बंद कर दिया है। ऑपइंडिया ने ये भी पाया है कि सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो शेयर हो रहे हैं, जिनमें वहाँ के समुदाय विशेष द्वारा उन पर अत्याचार होने की बात कही गई है। दिल्ली में भी यही ट्रेंड देखा गया था।

अत्याचार हिन्दुओं पर हुए थे और तमाम मीडिया नेटवर्क मजहब विशेष वालों को निर्दोष साबित करने में लगे हुए थे। इसी तरह यूट्यूब से लेकर ट्विटर तक आपको बंगाल के सम्बन्ध में ऐसे कई वीडियो मिल जाएँगे, जिनमें मजहब विशेष के स्थानीय लोगों ने विक्टिम प्ले किया है। मीडिया के एक ख़ास वर्ग का अटेंशन पाने के लिए ऐसा किया गया है।

स्थानीय व्यक्ति ने ये भी दावा किया कि स्थानीय शीतला माता मंदिर में भी जम कर तोड़फोड़ मचाई गई है। मंदिर में भी लगा दी गई, जिसका फोटो ऑपइंडिया ने निकाला है। हालाँकि, इसका कोई वीडियो अब तक सामने नहीं आया है। हिन्दुओं के एक क्लब को भी जला डाला गया। हिन्दुओं की इमारतों को तोड़ डाला गया।

स्थानीय सांसद लॉकेट चटर्जी से पुलिस ने कहा कि आपको पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जाएगा क्योंकि आप वहाँ जाकर राजनीति करेंगी। पुलिस ने उनके जाने से वहाँ माहौल बिगड़ने की बात कही। वहाँ के लोगों ने मेनस्ट्रीम मीडिया पर पक्षपात का आरोप लगाया है और कहा है कि मीडिया इस पूरे मामले में कोई रूचि नहीं दिखा रहा।

कहा जा रहा है कि वहाँ के मजहब के लोग सोशल डिस्टेंसिंग को मानते ही नहीं हैं, इसीलिए हिन्दुओं के भीतर कोरोना का भी डर बैठा हुआ है। वो ख़ुद के बचाव के लिए जब उपाय करते हैं तो स्थानीय कट्टरपंथियों को ये सब रास नहीं आता। वो इसका विरोध करते हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कह चुकी हैं कि लोग अपने घरों में ही रहें और हॉस्पिटलों में भीड़ न जुटाएँ, जिससे पता चलता है कि पश्चिम बंगाल का स्वास्थ्य सिस्टम भी ध्वस्त हो चुका है। ऐसे में लोगों के बीच डर का कायम होना स्वाभाविक है। एक तरफ महामारी का डर और दूसरी तरफ महामारी फैलाने वालों का।

इस घटना के दौरान कई लोगों ने वीडियो भी बनाए। हंगामे के दौरान ही एक व्यक्ति ने वीडियो शूट करते हुए मदद के लिए गुहार लगाई और बताया कि कट्टरपंथी उन पर ईंट-पत्थर और बम चला रहे हैं।

एक व्यक्ति ने आगजनी का वीडियो बनाते हुए कहा कि वहाँ के हिन्दू एकदम मजबूर हो गए हैं और कट्टरपंथियों के अत्याचार को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है, हिन्दुओं की तो बात ही नहीं सुनी जा रही है। अन्य लोगों ने वीडियो बनाते हुए दिखाया कि पुलिस खड़ी है और उल्टा कट्टरपंथियों का साथ ही दे रही है। गोलीबारी की भी बात कही जा रही है।

लाचार लोगों ने वीडियो शूट कर वहाँ की स्थिति से जनता को अवगत कराया और कहा कि अगर हिन्दू अब भी नहीं जागे तो या तो वो इनके हाथों मार दिए जाएँगे, या फिर उन्हें आत्महत्या करना पड़ेगा। लोगों ने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, “ममता बनर्जी तो हमारा खूब साथ दे रही हैं। वाह रे बंगाल की सरकार!” लोगों ने स्पष्ट कहा कि पुलिस चूड़ियाँ पहन कर बैठी हुई हैं और कट्टरपंथी गोलीबारी कर रहे हैं।

एक अन्य वीडियों में एक घायल हिन्दू को लोग लेकर जा रहे हैं। उसे गोली लगी हुई है। सभी लोग चिल्ला कर कह रहे हैं कि उसे पुलिस ने गोली मारी है। घायल के इलाज की भी व्यवस्था नहीं की गई और उसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया, जिसके बाद लोग उसे उठा कर किसी तरह ले जा रहे हैं। इस वीडियो में भी लोग पुलिस और कट्टरपंथियों के मिले होने की बातें करते दिख रहे हैं।

एक हिन्दू व्यक्ति का तो हाथ ही काट डाला गया, जिसे असह्य पीड़ा हो रही थी। उसके इलाज के लिए भी प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की। घटना के 3 दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आँखें खुलीं और उन्होंने दोषियों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

तेलिनीपाड़ा हिंसा मामले में अब तक 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पूरे इलाके में धारा-144 लगा दी गई है, जिसके बाद अतिरिक्त जवान वहाँ पर कैम्प कर रहे है। साथ ही तृणमूल सुप्रीमो पॉलिटिक्स खेलने से भी बाज नहीं आईं और उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री ही यहाँ परेशानियाँ पैदा कर रहे हैं और उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री को अवगत करा दिया है।

अनुपम कुमार सिंह: चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.