‘सतीश को मारा, पंडित था वो.. RSS से जुड़ा था’: जब ‘कश्मीरी पंडितों का कसाई’ ने कबूली हत्याएँ

फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे (दाएँ), सतीश टिक्कू की तस्वीर के साथ उसके परिजन (साभार: द कश्मीर, @rahulpandita)

महीना जनवरी का ही था। साल था 1990। घाटी में धार्मिक नरसंहार का दौर चला था, जिसने तीन से आठ लाख कश्मीरी हिन्दुओं को पलायन के लिए मजबूर किया। कश्मीरी पंडितों को किस तरह निशाना बनाया गया इसे फारूक अहमद डार (Farooq Ahmed Dar) उर्फ बिट्टा कराटे के एक पुराने इंटरव्यू से समझा जा सकता है। जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का यह आतंकी ‘कश्मीरी पंडितों का कसाई (Butcher of Kashmiri Pandits)’ भी कहा जाता है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और मेहबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया सईद के अपहरण से भी जुड़ा था। उस समय सईद केंद्र सरकार में गृह मंत्री हुआ करते थे और इस घटना के बाद सरकार ने घुटने टेकते हुए रुबिया की रिहाई के लिए आतंकियों को छोड़ दिया था।

बिट्टा कराटे (Bitta Karate) ने कैमरे पर 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कबूली थी। उसने दावा किया था कि उसका निशाना कभी नहीं चूकता था। अब अपने टारगेट के सिर या दिल में ही गोली मारता था। पत्रकार राहुल पंडिता ने एक लेख में उसका जिक्र करते हुए लिखा था: जेकेएलएफ का हत्यारा पिस्तौल लेकर श्रीनगर में घूमता और पंडितों की गंध (बट्ट-ए-मुश्क) खोजता था ताकि उन्हें खोज कर मार सके।

बिट्टा ने एक इंटरव्यू पत्रकार मनोज रघुवंशी को दिया था। इसमें उसने बताया था कि सबसे पहले उसने सतीश कुमार टिक्कू को मारा था क्योंकि वह आरएसएस से जुड़े थे। रघुवंशी ने उससे पूछा था: सबसे पहला व्यक्ति, जिसे मारा वो कौन था? बिट्टा ने कुछ देर सोचने के बाद जबाव दिया​: सतीश कुमार टिक्कू, पंडित था वो। मैंने उसे इसलिए मारा क्योंकि वो आरएसएस से जुड़ा हुआ था। ऊपर से उसे मारने का ऑर्डर मिला था। इस इंटरव्यू के दौरान ही बिट्टा ने कहा था कि उसे मारने के ऑर्डर ऊपर से मिलते थे। साथ ही बताया था कि वह पिस्टल से हत्या करता था। एके-47 के इस्तेमाल को लेकर पूछे जाने पर कहा था कि इससे जवानों पर फायरिंग करता था। उसने यह भी बताया था कि वह अकेले ही हत्याएँ करता था और वो भी बिना नकाब के। रघुवंशी को दिया गया बिट्टा का इंटरव्यू आप नीचे सुन सकते हैं;

कभी बिट्टा कराटे और यासीन मलिक की गहरी जमती थी। बाद में दोनों के बीच विवाद हो गया और जेकेएलएफ भी दो हिस्सों में बँट गया। फिलहाल दोनों दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया