हेमंत सोरेन पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला पहुँची बॉम्बे हाईकोर्ट, दायर की केस वापस लेने की याचिका

कुर्सी बचाने में जुटे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो साभार: NIE)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रेप और आपराधिक धमकी के आरोप लगे थे। जिस महिला ने ये आरोप लगाए थे, अब उसने ही अपनी याचिका वापस लेने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी दी है। महिला ने कहा कि वो इस केस को वापस लेना चाहती है। इस याचिका में ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)’ के अध्यक्ष हेमंत सोरेन के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने की गुहार लगाई गई थी। कोर्ट ने नई अर्जी को स्वीकार कर लिया है।

बॉम्बे उच्च-न्यायालय अब बुधवार (अप्रैल 7, 2021) को ही इस मामले की सुनवाई करेगा। लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिटाले की पीठ के समक्ष कहा कि महिला ने वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दी थी। लेकिन, पब्लिक प्रोसिक्यूटर का कहना है कि महिला ने उसी साल अपनी शिकायत वापस भी ले ली थी।

अगस्त 2020 में महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर अपने साथ एक हादसा होने की सूचना दी थी और आशंका जताई थी कि इसके पीछे भी सोरेन का ही हाथ था। बाद में महिला ने उस याचिका को भी वापस ले लिया था। झारखंड के पूर्व पत्रकार सुनील कुमार तिवारी और गैर सरकारी संगठन (NGO) ‘स्त्री रोशनी ट्रस्ट’ ने भी इस मामले में याचिकाएँ दायर कर रखी हैं। पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने उनका भी विरोध किया।

इन याचिकाओं में कहा गया है कि इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट हस्तक्षेप करे और महिला को उसकी याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं दे। वकील का कहना है कि हस्तक्षेप की माँग करने वालों का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है और शिकयतकर्ता खुद ही अपनी शिकायत वापस लेना चाहती है। अधिवक्ता अबाद पोंडा महिला के लिए बतौर वकील पेश हुए और कहा कि किसी को उनके मुवक्किल को याचिका जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

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उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की माँग करने वालों के पीछे राजनीतिक दलों का हाथ होने की आशंका भी जताई। पीठ ने पोंडा से पूछा कि क्या महिला न्यायाधीशों से उनके चेंबर में मिलना चाहती है, जिसके जवाब में पोंडा ने कहा कि महिला जजों से उनके आधिकारिक चैंबर में मिल कर अपनी बात रखेगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। झारखंड में भाजपा यूनिट इसे लेकर पहले से ही हमलावर है।

एक पत्र में, जिसे पीड़िता का बताया जा रहा था, दावा किया गया था कि सितम्बर 5, 2013 को उसके एक परिचित ने उसे बांद्रा वेस्ट स्थित होटल ताज लैंड्स में ये कह कर बुलाया कि वो कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलवाएगा, लेकिन जब वो वहाँ पहुँचीं तो 3 ही लोग थे। दावा किया गया है कि इनमें से एक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे और वहीं पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ। बता दें कि जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 के बीच भी हेमंत मुख्यमंत्री थे, जिसके बाद वो राज्य में नेता प्रतिपक्ष बने।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया