एक और संदेशखाली: TMC नेता खलील अहमद के खिलाफ हावड़ा में महिलाओं ने खोला मोर्चा, जिस तालाब में करते है विसर्जन उस पर कर रहा कब्जा

हावड़ा में प्रदर्शन करती महिलाएँ (चित्र साभार: Sourish Mukherjee/X)

बंगाल के संदेशखाली के बाद अब हावड़ा जिले के अंतर्गत आने वाले पंचला कस्बे में महिलाओं के एक बड़े समूह ने सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया है। यह प्रदर्शन सोमवार (19 फरवरी, 2024) को हुआ। महिलाएँ स्थानीय तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता शेख खलील अहमद के जमीनों को कब्जाने को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। बड़ी संख्या में महिला यहाँ झाड़ू और लाठियों के साथ प्रदर्शन करने उतरीं।

प्रदर्शनकारी महिलाएँ आरोप लगा रही हैं कि यहाँ का सबसे बड़े तालाब, जो कि 360 बीघा में फैला हुआ है, में रेत भरी जा रही है। इस तरीके से तालाब को पाट देने की योजना है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेता शेख खलील अहमद पर किसानों की जमीन जोर जबरदस्ती से कब्जाने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा है कि अहमद बहुत ही कम कीमत पर यह जमीनें खरीद रहा है।

इस मामले में बंगाली समाचार चैनल ABP आनंद की एक रिपोर्ट बताती है कि जब यहाँ के लोगों ने अहमद के अवैध कामों को लेकर प्रश्न उठाया तो उसके गुडों ने लोगों पर हमला बोल दिया। उसके गुंडों ने यह हमला 18 फरवरी को किया। इस मामले में स्थानीय पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज करवाई गई है।

हालाँकि, सही कार्रवाई ना होते देख पंचाल की महिलाओं ने मामला अपने हाथ में लिया और सोमवार (19 फरवरी, 2024) को झाड़ू-लाठी लेकर सड़कों पर आ गईं। उन्होंने यहाँ प्रदर्शन करते हुए उन वाहनों को भी रोका जिनमें रेत भर कर इस तालाब में डालने के लिए ले जाई रही थी।

इस प्रदर्शन के बाद काफी अफरा तफरी माहौल बन गया। यहाँ पुलिस भी इन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पहुँची। महिलाओं का प्रदर्शन रोकने के लिए ममता सरकार ने यहाँ त्वरित कार्य बल (Rapid Action Force) की तैनाती भी कर दी है।

हालाँकि, इस महिला प्रदर्शन के बाद TMC नेता बैकफुट पर आ गए हैं। स्थानीय तृणमूल MLA गुलशन मलिक ने इस मामले को लेकर कहा कि यह भाजपा की साजिश है। उन्होंने इस मामले के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। मलिक ने कहा कि महिलाओं को सड़कों पर उतरने के लिए भाजपा ने कहा है।

NEWS18 बांग्ला से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी महिला ने बताया, “यहाँ एक जलाशय हुआ करता था, अब उसको पाटा जा रहा है। उन्होंने हमारी जमीन लेकर उसको भी पाट दिया है, हमारे पास खाने को भी कुछ नहीं है।”

महिला ने बताया कि इस जलाशय का उपयोग स्थानीय लोग नहाने और मूर्तियाँ विसर्जित करने के लिए करते हैं। महिला ने यह आरोप लगाया कि यह जमीन बिना खरीदे ही इसमें रेत भरी जा रही है जिसके कारण प्रदर्शन हो रहा है।

एक स्थानीय भाजपा नेता पौलोमी अदक ने कहा, “यहाँ पर लोग खेतीबाड़ी करके गुजारा करते हैं, लोगों का कामधंधा खत्म करने के लिए TMC के गुंडों ने तालाब में रेत भरने का काम किया है। ऐसे में अब यहाँ जब बरसात होगी तो बाढ़ आएगी। यहाँ का प्रशासन, पंचायत और सरकारी अधिकारी एकदम निष्क्रिय हैं। यह सब खलील के इशारे पर रहा है जो कि यहाँ पंचायत का उप मुखिया है।”

संदेशखाली में भी महिला प्रदर्शन में जमीन का मामला

बंगाल के ही संदेशखाली से महिलाओं के यौन उत्पीड़न के अलावा जमीन कब्जाने के मामले भी सामने आए हैं। इसका आरोप TMC नेता शेख शाहजहाँ और उसके दो गुर्गों शिबू हाजरा, उत्तम सरदार पर लगा है। यहाँ भी महिलाओं ने इनके खिलाफ उतर कर प्रदर्शन किया और उसकी संपत्तियों को तहस नहस किया। इन महिलाओं पर तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं ने हमला भी किया लेकिन पुलिस ने बीचबचाव करने की जहमत नहीं उठाई। इसके बाद यहाँ धारा 144 लगा दी गई। अभी संदेशखाली मामला पूरे देश की नजरों में है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया