आतंकी यासीन मलिक ने क़बूले आतंकवाद के आरोप, 19 मई को सज़ा पर सुनवाई: वायुसेना अधिकारियों और कश्मीरी हिन्दुओं का है हत्यारा

यासीन मलिक ( इमेज साभार: jammukashmirnow.com)

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Mohammad Yasin Malik) ने मंगलवार (10 मई, 2022) को अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सही माना है। यासीन मलिक ने पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए अदालत में अपनी गलती मानते हुए कोर्ट से कानून के मुताबिक सजा देने की माँग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों के लिए सजा पर 19 मई को सुनवाई करेगा। मलिक पर कठोर गैरकानूनी गतिविधियाँ निवारण अधिनियम  (यूएपीए), देशद्रोह और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं।

अदालत से जुड़े सूत्रों ने बताया, “मलिक ने अदालत को बताया कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता है।”

बताया जा रहा है कि अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख, और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए हैं।

आरोप पत्र लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।

जाने कौन है यासीन मलिक

गौरतलब है कि यासीन मलिक वो आतंकी है, जो कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल था। वो जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष और पाकिस्तान का पिट्ठू अलगाववादी नेता है। उस पर कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप है। साथ ही उसे भारत में टेरर फंडिंग समेत दूसरे अपराधों के मामले में हिरासत में भी लिया गया था। यासीन मलिक पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है।

जनवरी 1990 में वायुसेना के 4 अधिकारियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप यासीन मलिक पर ही है। यासीन मलिक ने जेकेएलएफ आतंकियों के साथ मिलकर भारतीय वायु सेना के चार जवानों में से एक स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की हत्या कर दी थी। ये जानते हुए भी कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार में यासीन मलिक सीधे तौर पर शामिल था और उसके आतंकियों से संबंध हैं, पिछली सरकारों एवं मीडिया ने उसे हमेशा कश्मीरियों के तारणहार के रूप में पेश किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया