2047 तक विकसित राष्ट्र बन चुका होगा भारत: PM मोदी ने लाल किले से दिया सन्देश – अभी बाकी है उनकी पारी, ये राष्ट्र निर्माण का समय

लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर साभार-डीडी)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। वो 10 बार लाल किले से देश को संबोधित करने वाले चौथे प्रधानमंत्री बनें। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरे विश्व को जो संदेश दिया है, उसका असर दूरगामी लगता है। उन्होंने देश को स्थायित्व देने की बात दोहराई और कहा कि अगले साल फिर से लाल किले पर मिलने का वादा किया। ये उनका आत्मविश्वास और भरोसा ही है, जिसमें उन्होंने साफ कर दिया है कि एक बार फिर से मोदी सरकार वापस आएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने गाँव, शहर, राज्य, देश, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था जैसे सभी मुद्दों पर न सिर्फ छुआ, बल्कि गहराई से अपनी बात रखी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान जी20 की बात भी की, जिसकी अध्यक्षता फ़िलहाल भारत के पास है। उन्होंने पड़ोसी देश पर हमला तो बोला, लेकिन बिना नाम लिए। मणिपुर में हो रही हिंसा पर उन्होंने पीड़ितों को मरहम लगाया। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधा, लेकिन राष्ट्र प्रथम की नीति के हिसाब से।

प्रधानमंत्री के भाषण पर पूरी दुनिया की नजर रहती है, इसे समझते हुए उन्होंने चुन-चुन कर अपनी बातें रखी। अपने संबोधन में उन्होंने चुनावी मुद्दों की तो बात की, लेकिन सावधानी पूर्वक। उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर भी नजरें बनाए रखीं। पूरा भाषण विकास के एजेंडे पर रहा और कुछ जरूरी हिस्सों में उन्होंने विपक्ष को ललकारने का भी काम किया।

नेतृत्व परिवर्तन अभी नहीं

अगले साल फिर से लाल किला पर आने की बात कहकर उन्होंने ये बात साफ कर दिया है कि अभी उनका देश के आगे ले जाने का सपना पूरा नहीं हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि तीसरे कार्यकाल में जब देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका होगा, उसके बाद वो इन चीजों के बारे में सोचेंगे या फिर नेतृत्व किसी और को सौंपेंगे। हालाँकि, देश की आजादी के 200 साल पूरे होने तक उन्होंने देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़े करने का ऐलान कर दिया है।

इस पीढ़ी के पास राष्ट्र निर्माण का मौका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मोदी सरकार के इन 10 सालों के कार्यकाल और आगामी 5 वर्षों के कार्यकाल को भविष्य के 1000 साल की बुनियाद के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की है। जो ये बताता है कि वो भविष्य को लेकर काफी आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1947 से पहले की पीढ़ी को राष्ट्र के लिए बलिदान देने का मौका मिला था, हमारी पीढ़ी को राष्ट्र के निर्माण में लगने और जीने का मौका मिला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माँगा आशीर्वाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आपकी मदद और आपका आशीर्वाद माँगने आया हूँ। उन्होंने कहा कि भारत के सामर्थ्य में कभी कमी नहीं थी। जो देश कभी सोने की चिड़िया था, वो देश साल 2047 में आजादी के 100 साल पूरे होने तक फिर से विकसित राष्ट्र बन चुका होगा। प्रधानमंत्री मोदी की ये बातें साफ तौर पर इशारा थी कि वो जनता से अभी ही नहीं, अगले कई चुनावों के लिए भी लाल किले से आशीर्वाद माँग रहे थे।

भारत का नाम ही दुनिया में स्थिरता की गारंटी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के बाद एक नया विश्‍व ऑर्डर, एक नया ग्‍लोबल ऑर्डर, एक नया जियो पॉलिटिकल इक्‍वेशन यह बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जियो पॉलिटिकल इक्‍वेशन की सारी व्याख्याएँ बदल रही है, परिभाषाएँ बदल रही है। आज भारत ग्‍लोबल साउथ (गरीब देशों) की आवाज बन रहा है। भारत की समृद्धि, विरासत आज दुनिया के लिए एक अवसर बन रही है। भारत का नाम ही दुनिया में स्थिरता की गारंटी है।

उनकी स्थिरता उस राजनीतिक स्थिरता की तरफ इशारा रहा, जो पिछले 10 वर्षों से भारत के पास है। वर्ना 1990 के दशक में भारत की राजनीतिक उठापटक से कौन वाकिफ नहीं है, जब हर कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री बदल जाते थे। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से राष्ट्र को सकारात्मक संदेश तो गया ही है।

श्रवण शुक्ल: Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.