70 साल में 160 Km और साढ़े 4 साल में 1500 Km सड़कें, बेरोजगारी दर 17 से सीधा 4 पर: यूपी में यूँ कमाल कर रहा है ‘डबल इंजन’

नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता भरी योजना-दृष्टि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मठता से हो रहा यूपी का विकास

जिस प्रदेश में 71 वर्ष तक मात्र एक अंतरराष्ट्रीय विमान पत्तन हुआ करता था, 2017 के पश्चात वह प्रदेश मात्र साढ़े चार वर्ष में पाँच-पाँच अंतरराष्ट्रीय विमान पत्तन वाला देश का एकमात्र राज्य बन गया! यही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश के जेवर में बनाकर परिचालित कर दिया गया। अचंभित हो गए न? परंतु विकास की यह गाथा सर्वथा सत्य है। यह गाथा आज के उत्तर प्रदेश की है। वही उत्तर प्रदेश पिछली सरकारों में जिसकी पहचान गड्ढे भरी सड़कों, अधोसंरचना के अभाव में पिछड़ापन एवं बुरी कानून-व्यवस्था के कारण अराजकता से हुआ करती थी।

पर अब वही प्रदेश परिवर्तित हो चुका है। परिवर्तन भी ऐसा कि मात्र साढ़े चार वर्ष में देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया। दूर से बैठकर इस विकास गाथा को सुनने वाले कहेंगे कि यह तो चमत्कार है। परंतु सच यह है कि यह चमत्कार नहीं, अपितु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता भरी योजना-दृष्टि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मठता का परिणाम है। समग्र देश के विकास के प्रति लगन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली में है और वह सदैव विकास की समग्र, एकीकृत एवं समावेशी दृष्टि से कार्य करते रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रवृत्ति भी केंद्रित होकर विकास का लक्ष्य प्राप्त करने वाली है। इसका परिणाम यह हुआ कि योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को विकसित राज्य बनाने को जब ठाना, तो पहला लक्ष्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास का निर्धारित किया। पिछड़ेपन का दंश झेल रहे एक ऐसा राज्य आकार में इंग्लैंड से बड़ा है और जनसंख्या इतनी है कि विश्व के केवल पाँच देश ही ऐसे हैं, जिनसे इसकी जनसंख्या कम है। इसका अर्थ यह हुआ कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश इतना बड़ा है, जितना कि विश्व का छठा बड़ा देश।

योगी जी दो दशक से अधिक समय तक सांसद रहे हैं और जनता के बीच रहने वाले राजनेता रहे हैं, तो उन्होंने यह स्पष्ट अनुभव किया था कि राज्य का विकास वास्तव में करना है, नया व विकसित उत्तर प्रदेश बनाना है, तो विश्व स्तरीय अधोसंरचना एवं प्रदेश के एक भाग से दूसरे भाग तक संबंद्धता संजाल का निर्माण सबसे पहले करना होगा और मुख्यमंत्री बनने के पश्चात वह पहले दिन से इस लक्ष्य पर कार्य करने में जुट गए। लक्ष्य पर योगी जी के प्रयास साकार रूप में दिखने लगे।

इसी का परिणाम है कि जो राज्य सत्तर वर्ष में मात्र 165 किलोमीटर लंबा एक एक्सप्रेस हाई-वे यमुना एक्सप्रेस-वे पूरा कर सका, उसी राज्य में योगी जी के आते ही आधे-अधूरे आगरा-एक्सप्रेस वे का काम व केवल पूरा किया गया, अपितु प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक जोड़ने के लिये तीन-तीन नए एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना पर चल पड़े। इनमें प्रयागराज से मेरठ तक लगभग 600 किलोमीटर लंबा विश्व का सबसे आधुनिक व लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे भी है।

योगी सरकार ने 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एवं 91 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के कार्य का बीड़ा उठाया और मात्र साढ़े चार वर्ष में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तैयार कर लोकार्पित भी कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस एक्सप्रेस-वे पर अपना विमान उतारकर इसको जनता को कुछ दिन पूर्व समर्पित किया है। यह पिछली सरकारों में उपेक्षित प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के उन 9 जनपदों को यह एक्सप्रेस-वे जोड़ता है। सौतेले व्यवहार के कारण पिछ़ड़ेपन के रोग से पीड़ित बुंदेलखंड को तो सीएम योगी ने इस प्रकार अपने बच्चे की भाँति संभाला कि इस क्षेत्र के सात जनपदों से होकर निकलने वाले 300 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेस-वे लगभग तैयार हो चुका है और एक मास पश्चात जनवरी 2022 में यह आवागमन के लिये खोल दिया जाएगा।

कुल-मिलाकर योगी सरकार ने सत्तर वर्षों में मात्र 165 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बनाने वाले राज्य को मात्र साढ़े चार वर्ष में लगभग 1500 किलोमीटर (1497 किलोमीटर) एक्सप्रेस-वे से आच्छादित करने की सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है, जिसमें से लगभग 1100 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे की योजना योगी सरकार की अपनी योजना है। योगी सरकार ने साढ़े चार वर्षों में ही प्रदेश को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने में लगभग एक हजार प्रतिशत वृद्धि की है। योगी सरकार ने इन एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे औद्योगिक गलियारा बहा रही है।

केंद्र की मोदी सरकार एवं राज्य की योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे रक्षा उत्पादन गलियारा बना रही है, जो इस क्षेत्र का भाग्य सँवार देगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-प्रदेश के रूप में रूपांतरित हो रहा है। यह एक्सप्रेस-प्रदेश केवल सड़कों के संजाल स्थापित करके नहीं हो रहा है, अपितु देश व विदेश के विभिन्न भागों के राज्य की संबद्धता संजाल स्थापित करने के लिये विमानन क्षेत्र की अधोसंरचना विकास पर भी मोदी-योगी सरकार ने उतना ही काम किया है।

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल 25 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय उड़ाने हुआ करती थीं, जबकि आज 2021 में 71 स्थानों के लिए विमान सेवाएँ उपलब्ध हैं, जिसमें से देश के भीतर 59 स्थानों के लिए और विदेश के 12 स्थान के लिए विमान सेवाएँ उपलब्ध हैं। 2017 तक प्रदेश में केवल चार हवाईअड्डे लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर व आगरा ही था, परंतु आज 2021 में प्रदेश में कानपुर, बरेली, प्रयागराज एवं गाजियाबाद का हिंडन सहित आठ हवाईअड्डे परिचालन में हैं।

जहाँ केवल लखनऊ व वाराणसी से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें थीं, वहीं आज प्रदेश लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, अयोध्या जी, जेवर के पांच अंतरराष्ट्रीय हवा अड्डे वाला देश का एकमात्र राज्य बन चुका है। मोदी-योगी सरकार आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र में हवाईअड्डों का विकास व उन्नयन करा रही है। योगी सरकार में उत्तर प्रदेश के विकास की सफलता का परिणाम सामने आने लगा है और प्रदेश ने अनेक औद्योगिक व अगड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए व्यापार करने की सरलता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) में देश में दूसरे स्थान पर आ चुका है।

सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमा (सीएमआईई) की मार्च 2021 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर वर्ष 2017 के 17.5 प्रतिशत की तुलना में आज नाममात्र का 4.1 प्रतिशत रह गया है और राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2015-16 के 43,000 रुपए की तुलना में वर्ष 2021 में आज दोगुने से भी अधिक 95,000 रुपए हो गया है। योगी सरकार में विकास का ऐसा प्रतिमान और जनता की प्रगति का ऐसा उदाहरण सफलता की एक गाथा भर नहीं है, अपितु यह भारतीय जनता पार्टी की सरकारों एवं उसके नेतृत्व के उस संकल्प व दृढ़-निश्चय का प्रेरक कथा है, जो नागरिकों को राष्ट्र निर्माण व लोक कल्याण के पथ का दर्शन कराता है।

Harish Chandra Srivastava: Spokesperson of Bharatiya Janata Party, Uttar Pradesh