कर्नाटक में एनआरसी की तैयारी, बंगलुरु से धरे गए 30 बांग्लादेशी

प्रतीकात्मक तस्वीर

कर्नाटक में अवैध अप्रवासियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगलुरु पुलिस ने बिना वैध वीज़ा के रह रहे 30 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। कार्रवाई शनिवार (26 अक्टूबर, 2019 को) की गई है। फॉरेनर्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर इन्हें डिपोर्ट करने की तैयारी की जा रही है। पूरी कार्रवाई बंगलुरु पुलिस की क्राइम ब्रांच (सीसीबी, सिटी क्राइम ब्रांच) द्वारा की गई है

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इसी महीने बीएस येद्दियुरप्पा की कर्नाटक सरकार ने राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स, एनआरसी) का प्रस्ताव दिया था। राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने इस आशय से घोषणा भी की थी। इसके अलावा उन्होंने बंगलुरु के लिए उसका खुद का ATS (एंटी टेरर स्क्वाड) बनाने की भी घोषणा की थी। गौरतलब है कि कर्नाटक के पास पहले से ही एक एटीएस पूरे प्रदेश के लिए है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी की सरकार राज्य में पहचान किए गए अवैध प्रवासियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटरों के विकास के बारे में योजना बना रही है। राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता गणेश कार्णिक ने इस बाबत सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था, “नियम के मुताबिक, पुलिस कथित प्रवासियों को हिरासत में नहीं ले सकती, लेकिन उन्हें देश से बाहर निकालना ज़रूरी है। कोई देश उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होगा, इसलिए उन्हें डिटेंशन सेंटरों में रखे जाने की ज़रूरत है।”

इस निर्णय को घोषणा करते हुए बोम्मई ने बताया था कि पुलिस को राज्य में रह रहे अवैध प्रवासियों का एक डेटाबेस बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि कर्नाटक देश के उन कुछ चुनिंदा राज्यों में है जहाँ अवैध प्रवासी एक बड़ी संख्या में आ कर बस जाते हैं।

असम में इसी साल 31 अगस्त 2019 को राज्य की एनआरसी सूची जारी की गई थी। इसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम नागरिकता सूची से हटा दिए गए थे। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश भर में राष्ट्रव्यापी एनआरसी का आह्वान किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया