विपक्ष के बेंगलुरु शो पर NDA का जुटान भारी: बोले नड्डा- दिल्ली बैठक में शामिल होंगे 38 दल, 26 दलों के मोदी विरोधी गठबंधन का नाम भी फाइनल नहीं

अरविंद केजरीवाल (बाएँ) और लालू यादव (दाएँ) का स्वागत करते सिद्धारमैया, JP नड्डा (बीच में) [फोटो साभार: Youtube/The Hindu]

विपक्षी दलों के साथ-साथ अब भाजपा ने भी शक्ति-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ऐसा लग रहा है जैसे पक्ष और विपक्ष, दोनों ही मंगलवार (18 जुलाई, 2023) से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए औपचारिक रूप से हल्ला-बोल करेगा। जहाँ बेंगलुरु में 26 पार्टियों के नेता डिनर पर मिल रहे हैं, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा ने साफ़ किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली राजग की बैठक में 38 दल शामिल होने वाले हैं।

UPA गठबंधन के पास न नेता, न नीयत, न नीति: नड्डा

मीडिया को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि NDA का गठबंधन सत्ता के लिए नहीं है, ये गठबंधन सेवा के लिए है, भारत को मजबूत करने के लिए है। उन्होंने कहा कि देश ने तय कर लिया है कि 2024 में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में फिर एक बार NDA की सरकार बनाएँगे। साथ ही स्पष्ट किया कि हमारी एकता देश के हित के ऊपर आधारित है, अटूट है और अटल है। UPA के गठबंधन को ‘भानुमति का कुनबा’ बताते हुए उन्होंने कहा कि पास न तो नेता है और न ही नीयत है, न नीति है और न ही फैसला लेने की ताकत है।

उन्होंने कहा कि ये गठबंधन भ्रष्टाचार और घोटालों का टोला है। भाजपा अध्यक्ष ने “कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा” कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि यह 10 साल की UPA सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों का टोला है। उन्होंने कहा कि 9 साल के अंदर गाँव, गरीब, शोषित, पीड़ित, वंचित, दलित, युवा, महिला, किसान इन सबके प्रति स्कीम्स को फोकस किया गया है। इससे इनके सशक्तिकरण में हमें बहुत सफलता मिली है।

उन्होंने बड़ी जानकारी दी कि 18 जुलाई को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक शाम को आहुत की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में एनडीए का जो डेवलमेंट का एजेंडा है, जो स्कीम्स हैं, जो नीतियाँ हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही हैं, इसमें NDA के सभी दलों ने रुचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि कैसे ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के खाते में 28 लाख सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।

विपक्षी गठबंधन का नाम और ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ अभी तय नहीं

उधर बेंगलुरु में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप-मुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने विपक्षी गठबंधन के नेताओं का स्वागत किया। DMK नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, JDU नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, JMM नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, AAP नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी ही पार्टी के पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, RJD नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके बेटे व बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव भी इस बैठक में उपस्थित हुए

बैठक में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और NC नेता उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए, जिन्होंने कहा कि पटना में हुई बैठक सामान्य थी और आशा है कि यहाँ कुछ ठोस होगा। इस बैठक में विपक्षी गठबंधन के लिए ‘कॉमन मिनिमन प्रोग्राम’ ड्राफ्ट करने के लिए कमिटी बनाई जाएगी और सीट शेयरिंग फॉर्मूले के लिए कम्युनिकेशन कैसे होगा, इन बिंदुओं पर मंथन होगा। कॉन्ग्रेस महासचिव किसी वेणुगोपाल ने कहा कि गठबंधन का नया नाम क्या होगा, इस पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया