50 करोड़ अकाउंट, ₹2 लाख करोड़ डिपॉजिट, लाभार्थियों में 55% महिला… ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के 9 साल: जिन्होंने देखा नहीं था बैंक, अब उनके हाथ में भी RuPay

9 साल में 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' के कारण गाँव-गरीब के पास पहुँची बैंकिंग सुविधाएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 साल पहले 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक भागीदारी के कार्यक्रम जन धन योजना (PMJDY) का ऐलान किया था। पीएम ने 28 अगस्त को इस योजना की शुरुआत करते हुए इसे एक उत्सव की तरह मनाने की भी बात कही थी, क्योंकि इससे देश की गरीब जनता एक कुचक्र से बाहर निकलने जा रही थी।

‘मेरा खाता भाग्य विधाता’ ने सच में देश के ऐसे करोड़ों लोगों की बैंक तक राह आसान कर दी, जिनके लिए बैंकों तक पहुँच उस समय काफी दूर नजर आ रही थी। इसका नतीजा ये हुआ कि देश में 9 सालों में ही 50 करोड़ से अधिक नए बैंक खाते खुल गए।

इस योजना के 9 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने कहा 9 साल पहले आज के ही दिन लॉन्च हुई ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ ने देश में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को गति देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। यह गाँव और गरीब के सशक्तिकरण के साथ-साथ रोजगार निर्माण में भी बहुत मददगार साबित हुई है।

उन्होंने इस मौके पर प्राचीन संस्कृत श्लोक “सुखस्य मूलं धर्म, धर्मस्य मूलं अर्थः, अर्थस्य मूलं राज्यं” का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें यह बताया गया है कि आर्थिक गतिविधियों में जनता की भागीदारी सरकार का उत्तरदायित्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लिया है और अपना एक वादा एक रिकॉर्ड समय में पूरा करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि आइए यहाँ आसान शब्दों में गाँव और गरीब के आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली PMJDY को समझते हैं।

क्या है पीएमजेडीवाई ?

‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ एक राष्ट्रीय मिशन है। इसका मकसद सबकी आर्थिक भागीदारी को संभव बनाना है। इसमें पूरी तरह से आर्थिक भागीदारी और देश के हर परिवार को बैंकिंग सेवाएँ मुहैया कराने का एकीकृत उद्देश्य है। इसके तहत आधारभूत बचत बैंक खाता खोलने की सुविधा मुहैया कराने, जरूरत के मुताबिक ऋण लेने की सुविधा, खातों को ट्रांसफर कराने की सुविधा, बीमा, पेंशन जैसी आर्थिक सुविधाएँ शामिल हैं।

इसकी सबसे बड़ी खासियत जीरो बैलेंस पर बगैर किसी चार्ज के खाते खोलने की सुविधा है। इसके जरिए सरकारी योजनाओं का फायदा सीधे गाँव और सुदूर इलाकों के लोगों तक पहुँच पाया। जन धन योजना आशा की किरण बनी हुई है, जो वंचितों के लिए बैंकिंग के दरवाजे खोल रही है। जन धन खाते सभी की सुरक्षा के लिए असंगठित क्षेत्र तक पेंशन योजनाओं की सुविधा भी देते हैं।

सरल शब्दों में कहें तो ये ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ आम तौर से कम से कम हर एक परिवार के लिए एक बैंकिंग खाते की सुविधा के साथ सभी बैंकिंग सुविधाएँ लोगों के लिए उपलब्ध कराने, आर्थिक साक्षरता, ऋण लेने, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएँ मुहैया कराने का एक मंच देती है।

यह योजना शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए है। इस योजना के तहत खाता खोलने वालों को स्वदेशी डेबिट कार्ड (RuPay card) भी मिलता है। इस कार्ड ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को व्यवहारिक बनाया। इसके साथ ही खाता किसी भी बैंक की शाखा या बिजनेस कॉरेसपॉन्डेंस या बैंक मित्रों और सखी पटल में जीरो बैलेंस के साथ खोला जा सकता है। प्रत्येक खाता बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) से जुड़ा हुआ है।

इसके साथ ही USSD (असंरचनात्मक पूरक सेवा डेटा) पर बैंकिंग सुविधा भी मिलती है। इसका अर्थ हुआ कि ये बेसिक फीचर फोन्स पर उपलब्ध है। इसका इस्तेमाल आसानी से मोबाइल बैंकिंग के लिए भी किया जा सकता है और इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। इस योजना में किसी भी मदद के लिए कॉल सेन्टर और टोल फ्री नंबर की सुविधा भी पूरे देश में है।

PMJDY का मकसद है कि आधारभूत बैंकिंग खाते की सुविधा देकर आर्थिक भागीदारी के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इसके तहत ‘स्वचालित दुर्घटना बीमा (Auto Accident Insurance)’ सुविधा समेत डेबिट कार्ड की भी सुविधा उपलब्ध हो।

‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ की खासियतों में आधार से जुड़े हुए बैंक खातों के लिए 5000 रुपए तक की ओवर ड्रॉफ्ट सुविधा और 1 लाख रुपए की दुर्घटना बीमा सुरक्षा सुविधा समेत एक RuPay डेबिट कार्ड की सुविधा भी शामिल है।

इसके अलावा, 15 अगस्त, 2014 और 26 जनवरी, 2015 के बीच खोले गए खातों के लिए 3 लाख रुपए की बीमा सुरक्षा भी योग्य लाभार्थियों के लिए दी गई है। इस योजना की एक खासियत यह है कि खाता धारक को खाता खोलने और 6 महीने तक लगातार खाते को जारी रखने के बाद 5000 रुपए की ओवर ड्रॉफ्ट सुविधा भी मिल सकेगी।

गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड भी है योजना के नाम

गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड में भी प्रधानमंत्री जन धन योजना की उपलब्धियों को माना। इस योजना ने साबित कर दिया है कि आर्थिक भागीदारी के इस अभियान में महज एक हफ्ते के अंदर सबसे अधिक खाते खोलने का रिकॉर्ड कायम किया जा सकता है। भारत सरकार के तहत आने वाले आर्थिक सेवा विभाग ने केवल 23 से 29 अगस्त 2014 तक एक हफ्ते में 18,096,130 से अधिक बैंक खाते खोले।

इस योजना में 26 जनवरी, 2015 तक देश के 7.5 करोड़ ऐसे लोगों के खाते खुलवाने का लक्ष्य रखा गया था, जिनके कभी बैंक खाते नहीं रहे थे। हालाँकि, बैंकों ने 31 जनवरी, 2015 तक 21.06 करोड़ परिवारों का सर्वे करके 12.54 बैंक खाते खोल दिए। अब तक ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के तहत खुले बैंक खातों में 2 लाख करोड़ रुपए से भी ज़्यादा डिपॉजिट किए गए हैं।

इन खातों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा की गई। यह लक्ष्य देश के 21.02 करोड़ परिवारों का सर्वे करने के बाद तय किया गया था। आज लगभग 100 फीसदी परिवारों को इस सुविधा के तहत लाया जा चुका है। खोले गए खातों में से 60 फीसदी खाते ग्रामीण क्षेत्रों में और 40 फीसदी खाते शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।

पीएमजेडीवाई के 55 फीसदी खाते महिलाओं ने खोले हैं। साल 2017-18 में ये 16.25 करोड़ थे तो वहीं 2022-23 में ये बढ़कर 27.62 करोड़ तक जा पहुँचे। बदलाव के पीछे महिलाएँ प्रेरक शक्ति हैं। ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ में महिलाओं के खोले गए ये खाते एक उज्जवल भविष्य की तरफ इशारा करते हैं।

मार्च 2015 से लेकर जन धन खातों में 16 अगस्त, 2023 तक 240 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यहाँ मार्च 2015 तक 14.72 करोड़ खाते खोले गए तो 16 अगस्त, 2023 तक इनकी संख्या बढ़कर 50.09 करोड़ तक जा पहुँची।

पीएम जन धन योजना के 9 साल

पीएम मोदी ने इस योजना के 9 साल पूरे होने पर इसके फायदों के बारे में देश की जनता को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना से गाँव गरीब तक सरकारी लाभ सीधे पहुँचाने में तो मदद मिली ही है। इसके साथ ही महिलाओं, दलितों, पिछड़ों आदिवासियों के रोजगार और स्वरोजगार को बहुत बल मिला है।

उन्होंने कहा कि जब गाँव-गाँव में बैक खाते खुले तो बैंकिंग कॉरेनपोंडेंस के तौर पर बैंक मित्र के रूप में लाखों युवाओं को अवसर मिले फिर चाहे वो बैंक मित्र हो बैंक सखी हो। 21 लाख से अधिक युवा बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस या बैंक मित्र या सखी के तौर पर गाँव-गाँव में सेवाएँ दे रहे हैं।

पीएम ने आगे कहा कि बड़ी संख्या में डिजिटल सखियाँ, महिलाओं और बुजुर्गों को बैंकिंग सेवा से जोड़ रही हैं। इसी तरह इस योजना ने रोजगार और स्वरोजगार के एक बड़े अभियान ‘मुद्रा योजना’ को बल दिया। इससे महिलाओं सहित उन वर्गों को छोटे-छोटे बिजनेस के लिए लोन आसान हो गया, जो कभी इसके बारे में सोच भी नहीं सकते थे। इन लोगों के पास बैंकों को देने के लिए कोई गारंटी नहीं थी, ऐसे में सरकार ने खुद उनकी गारंटी ली।

पीएम ने बताया कि मुद्रा योजना से अभी तक 24 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन दिए जा चुके हैं। इसमें 8 करोड़ साथी ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार कोई बिजनेस शुरू किया है, अपना काम शुरू किया है। पीएम ‘स्वनिधि योजना’ के तहत लगभग 43 लाख स्ट्रीट वेंडर्स यानी रेहड़ी पटरी वाले लोग पहली बार बैंकों से बगैर किसी गारंटी का लोन मिला।

उन्होंने कहा कि मुद्रा और स्वनिधि योजना के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में महिलाएँ, दलित, पिछड़े और आदिवासी युवा हैं। जनधन खातों ने गांवों में सेल्फ हेल्प ग्रुप को मजबूत किया। कई महिलाएँ लखपति बनी वो इसी से संभव हुआ। साल 2015 और 2023 के बीच पीएमजेडीवाई खातों में धन जमा करने में 1250% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जहाँ मार्च 2015 में 15607 करोड़ रुपए जमा हुए तो वहीं 16 अगस्त, 2023 तक जमा होने वाली ये धनराशि बढ़कर 2.03 लाख करोड़ तक पहुँच गई।

सरकार जो आर्थिक मदद करती हैं वो अब महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं के खाते में अब सीधे जमा होता है। पीएम ने कहा कि जनधन योजना से देश में सामाजिक और आर्थिक बदलावों को रफ्तार देने में जो भूमिका निभाई है वो वाकई यूनिवर्सिटी के अध्ययन का विषय है।

रचना वर्मा: पहाड़ की स्वछंद हवाओं जैसे खुले विचार ही जीवन का ध्येय हैं।