गुजरात में चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी पूरी कोशिशों में है कि किसी तरह भाजपा को सत्ता से निकाल कर वहाँ सरकार बना सके। इसी उद्देश्य को हासिल करने के लिए पार्टी नेता भाजपा को निशाना बनाते हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें ये ध्यान नहीं रहता कि ऐसा करते समय वो गुजरात के लोगों की भावना से तो नहीं खेल रहे।
हाल में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने एक ट्वीट शेयर किया। इस ट्वीट में भाजपा और दिल्ली के उप-राज्यपाल की आलोचना के साथ तीस्ता सीतलवाड़ और मेधा पाटेकर की वाहवाही थी।
जिस वीडियो को उन्होंने शेयर किया, उस वीडियो में डॉ सुनीलम कारी अपने कंधे पर हरे रंग का गमछा पहनकर दिल्ली एलजी का बैकग्राउंड बता रहे थे। डॉ सुनीलम ने कहा कि दिल्ली एलजी ने मेधा पाटेकर और तीस्ता को बदनाम करने का काम किया था।
उन्होंने कहा कि दिल्ली एलजी ऐसा सोच रहे हैं कि वो आ गए हैं तो सब सुधार देंगे लेकिन असल में तो वह खुद भी एनजीओ- ‘नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टी’ से जुड़े हुए हैं। आगे डॉ सुनीलम कहते हैं कि गुजरात में जब दंगे वाला समय चल रहा था, तब शांति को लेकर एक कार्यक्रम हुआ था, जहाँ हमला कराने का काम खुद वीके सक्सेना ने किया था। वो केस आज भी कोर्ट में है। उसमें वीके का नाम है जिसमें मेधा पाटेकर जाती हैं। इसके अलावा इन्होंने इंडियन एक्सप्रेस में फर्जी विज्ञापन छपवाने का काम किया, फिर अखबार को माफी माँगनी पड़ी।
डॉ सुनीलम से इतना भाजपा विरोधी कंटेंट पाकर पहले आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इसे शेयर किया। उन्होंने लिखा, “ये LG तो बहुत ख़तरनाक आदमी है ये मैं क्या सुन रहा हूँ? ये गैंग के जरिए हमला कराने का आरोपित हैं। इन पर FIR है। जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार और अपराध के संगीन मामले दर्ज हैं उसको LG क्यों बनाया मोदी जी? एल-लूट, जी-गैंग।”
इसके बाद गुजरात पार्टी अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने संजय के ट्वीट को शेयर किया। उन्होंने लिखा, “ये भाजपा मॉडल है। जितना आप गुनाह करोगे उतना आपको पद मिलेगा।”
हालाँकि, इस ट्वीट को करते हुए वह इस बात को भूल गए कि भाजपा को निशाना बनाने के चक्कर में गुजरात की जनता की भावना से खिलवाड़ भी हो सकता है और उनके खुद भी सीएम दावेदार चुने जाने में कठिनाई आ सकती है।
दरअसल, जिन मेधा पाटेकर का महिमामंडन इसुदान ने अप्रत्यक्ष तौर पर किया, उन्हें लेकर खबर ही खबर आई थी कि AAP उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार बनाएगी। इससे पहले इसुदान को लेकर कयास थे कि वो AAP की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं।
तीस्ता सीतलवाड़ और मेधा पाटेकर
मेधा पाटेकर और तीस्ता सीतलवाड़ का गुजरात से और भी संबंध है। तीस्ता पर जहाँ बीते समय में गुजरात तो बदनाम करने के आरोप लगे। तो वहीं मेधा पर ये आरोप है कि उनकी वजह से सरदार सरोवर योजना अवरुद्ध हुई और कई गुजरातियों को लंबे समय प्रभावित होना पड़ा। मेधा पाटेकर द्वारा शुरू किए गए ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ का ही नतीजा था कि सरकारी योजनाएँ ठप्प हो गई थीं। लाखों लोगों को सूखा झेलना पड़ा था, किसानों को घाटा हो गया था।