रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है। यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है। राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, “देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।”

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इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है: यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्द्रपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।

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पीएम ने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत सभी संस्थाएँ, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।”

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें। उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।”

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राजनाथ सिंह ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया और साथ ही उन्होंने शांति और सैहार्द्र बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस फैसले को सहज रूप से सभी को स्वीकार करना चाहिए। इससे सर्वधर्म सद्भाव की भावना भी और मजबूत होगी और साथ ही साथ उन्होंने विश्वास जताया कि इससे सामाजिक ताना-बाना को भी मजबूती मिलेगी।

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वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा कि सभी को सुप्रीम के फैसले को मानना चाहिए और शांति बनाए रखना चाहिए। 

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए। यह सामाजिक समरसता के लिए फायदेमंद होगा। इस मुद्दे पर कोई और विवाद नहीं होना चाहिए, यही मेरी लोगों से अपील है।”

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बाबरी मस्जिद के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी फैसले के सम्मान की बात कही है। वहीं निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा, “निर्मोही अखाड़ा आभारी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 150 वर्षों की हमारी लड़ाई को मान्यता दी है और राम जन्मस्थान मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया