पेट्रोल-डीजल के बाद पानी-बस किराए की बारी, कर्नाटक में जनता पर बोझ खटाखट: कॉन्ग्रेस की ‘रेवड़ी’ से खजाना खाली, अब कमाई के लिए विदेशी कंपनी को काम पर लगाया

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार राज्य के आम आदमी पर और भी बोझ डालने की तैयारी कर रही है। कई रेवड़ी का वादा करके सत्ता में आई कॉन्ग्रेस के लिए राज्य का खजाना चिंता का सबब बन रहा है। खजाने की भरपाई के लिए कॉन्ग्रेस सरकार ने डीजल पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने के बाद अब पानी के दाम और बस के किराए पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं। इन्हें भी बढ़ाए जाने की बात हो रही है। इसके अलावा, कॉन्ग्रेस सरकार ने एक अमेरिकी कम्पनी को कमाई बढ़ाने पर सुझाव देने को लेकर काम पर लगाया है।

राज्य में जीत को कॉन्ग्रेस ने किए थे ‘रेवड़ी’ वादे

2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कॉन्ग्रेस ने पाँच गारंटी दी थी। इन्हें ‘रेवड़ी’ कहा गया था। कॉन्ग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह हर घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देगी। इसे गृह ज्योति योजना का नाम दिया गया था। इसके अलावा गृह लक्ष्मी नाम की योजना का भी एक वादा किया गया था। इसके अंतर्गत कॉन्ग्रेस ने वादा किया था कि वह राज्य की महिलाओं को ₹2000 प्रतिमाह देगी।

कॉन्ग्रेस ने कर्नाटक की आर्थिक स्थिति और मुफ्त सुविधाओं के वादों से अर्थव्यस्था पर पड़ने वाले बोझ को दरकिनार करते हुए हर परिवार को 10 किलो अनाज देने का भी वादा किया था, इसे अन्न भाग्य योजना का नाम दिया गया था। कॉन्ग्रेस ने राज्य में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा का भी वादा किया था। इसके अलावा राज्य के बेरोजगार युवाओं को भी ₹1500 देने की बात कही गई थी। इनमें से कुछ योजनाएँ पूरी तरह से लागू कर दी गई हैं तो कुछ को आंशिक रूप से लागू किया गया है।

कॉन्ग्रेस के इन ‘रेवड़ी’ वादों का असर अब राज्य के खजाने पर दिख रहा है और वह राजस्व बढ़ाने के लिए नई-नई जुगत भिड़ा रही है। वह राज्य की आम जनता को अब नए कर और बढ़े करों से लादना चाह रही है। साथ ही वह कमाई के नए जुगाड़ भी लगा रही है।

मुफ्त वाली गारंटी ले गईं बजट का बड़ा हिस्सा

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार की यह गारंटियाँ बजट का एक बड़ा हिस्सा ले जा रही हैं। इससे बाकी के विकास कामों के लिए पैसा नहीं बच रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में इन पाँच चुनावी गारंटियों पर ₹39,825 करोड़ का खर्चा किया गया था। यह कर्नाटक के 2023-24 के बजट का लगभग 17% था। वित्त वर्ष 2024-25 में गारंटियों का यह खर्चा और बढ़ गया है। 2023-24 के मुकाबले इसमें लगभग एक तिहाई की वृद्धि हुई है।

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में कर्नाटक ने इन पाँच चुनावी गारंटियों पर ₹52,000 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है। राज्य की कई अन्य योजनाओं का असर इस खर्च के कारण पड़ रहा है। कॉन्ग्रेस सरकार ने जुलाई 2023 में राज्य के SC-ST समुदाय के कल्याण के लिए खर्च किए जाने वाले ₹11,000 करोड़ को भी इन गारंटियों के लिए उपयोग करने का फैसला लिया था, जिसके कारण इसकी काफी आलोचना हुई थी।

जुलाई 2023 में ही कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी अपने विधायकों से स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें कोई भी फंड नहीं दिए जाएँगे और पूरा फोकस गारंटियों को पूरा करने पर लगाया जाएगा। भाजपा ने कॉन्ग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य के विकास का सारा पैसा अपने चुनावी वादे पूरे करने में फूँक रही है जिससे राज्य पिछड़ रहा है।

डीजल-पेट्रोल के बाद पानी और बसों के किराए बढ़ाने की तैयारी

कॉन्ग्रेस सरकार अब अपना खजाना भरने के लिए लगातार जनता पर नए बोझ लाद रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए थे। कॉन्ग्रेस सरकार ने राज्य में पेट्रोल और डीजल पर सेल्स टैक्स बढ़ाया था। इसके अंतर्गत पेट्रोल और डीजल के दाम राज्य क्रमशः ₹3 और ₹3.50 बढ़ गए थे। इसको लेकर कॉन्ग्रेस सरकार की खूब आलोचना हुई थी। यह निर्णय लोकसभा चुनाव के आने के तुरंत बाद लिया गया था।

पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने से भी कॉन्ग्रेस सरकार का खजाना पूरा नहीं पड़ रहा है। अब कॉन्ग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया है कि बेंगलुरु में पानी आपूर्ति के दाम बढ़ाए जाएँगे। उन्होंने कहा है कि पानी की कीमतें बढ़ाना जरूरी है। उपमुख्यमंत्री शिवकुमार का दावा है कि बेंगलुरु का जल आपूर्ति विभाग अपना बिजली का बिल और कर्मचारियों की तन्ख्वाह तक नहीं दे पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कावेरी नदी से पानी लेने वाले बाशिंदों के लिए पानी की कीमतें 40% बढ़ाए जाने की तैयारी है।

पानी के अलावा कर्नाटक में बसों का किराया बढ़ाए जाने पर विचार कॉन्ग्रेस सरकार विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सोमवार (17 जून, 2024) को हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राज्य में बसों का किराया बढ़ाने पर चर्चा की। बसों का किराया बढ़ाने के समर्थन में तर्क दिया गया कि यह लम्बे समय से अटका हुआ है और इसे 2015 में बढ़ाया गया था। सिद्दारमैया ने इसके अलावा पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाए जाने के निर्णय का भी बचाव किया।

अमेरिकी कम्पनी बताएगी, कैसे कमाए कॉन्ग्रेस सरकार

अब कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए नई जुगत भिड़ाई है। कॉन्ग्रेस सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने और राजस्व बढ़ाने पर सुझाव देने के लिए एक अमेरिकी कम्पनी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को काम पर लगाया है। यह कंसल्टिंग कम्पनी अब राज्य सरकार को बताएगी कि वह अपना खजाना कैसे बढ़ा सकती है। यह निर्णय चुनावी गारंटियों के बढ़ते खर्चे के बीच लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि BCG ने सरकार को कुछ सुझाव भी इस संबंध में दिए हैं।

गौरलतब है कि भाजपा सरकारी खजाने पर विपरीत असर डालने वाली ऐसी योजनाओं का विरोध करती आई है। हालाँकि, आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस ने इन योजनाओं को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। हालिया लोकसभा चुनावों में भी कॉन्ग्रेस ने हर महिला को प्रतिमाह ₹8500 देने की बात कही थी।

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