ओवैसी ने बंगाल विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान: जंगीपुरा और सागरदीघी से उतारे उम्मीदवार, TMC की बढ़ी मुसीबत

असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। शनिवार को ओवैसी ने फुरफुरा शरीफ के प्रभावशाली इस्लामी आलिम पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का समर्थन करने की अपनी बात से यू-टर्न ले लिया। इसी के साथ बंगाल में बीजेपी और टीएमसी को टक्कर देने के लिए बना कॉन्ग्रेस, वाम मोर्चा और आईएसएफ का गठबंधन फेल हो गया है।

ओवैसी ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत मुर्शिदाबाद से करते हुए 2 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी कर दिया। AIMIM ने नूर महबूब आलम को सागरदीघी और असदुल शेख को जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतार दिया है। ओवैसी ने आने वाले दिनों में अन्य उम्मीदवार भी उतारने की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक ओवैसी मुर्शिदाबाद की 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं।

फुरफुरा शरीफ के मौलाना सिद्दीकी को समर्थन देने के सवाल पर AIMIM चीफ ने कहा कि , “किसी की जरूरत नहीं है। हम अपने बल पर चुनाव लड़ेंगे।” ओवैसी का दावा है कि कांग्रेस-लेफ्ट-आईएसएफ के संयुक्त मोर्चा का ये गठबंधन बुरी तरह से फेल होने वाला है, क्योंकि वामपंथियों के कारण मुसलमान परेशान हैं।

PM मोदी पर ओवैसी ने किया कटाक्ष

ओवैसी ने एक रैली में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में दावा किया है कि उसकी स्वतंत्रता के लिए उन्होंने सत्याग्रह किया था। अगर आपने ऐसा किया है तो फिर मुर्शिदाबाद के लोगों को बांग्लादेशी क्यों कहा जाता है?”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि वह मुसलमानों के लिए काम करने का दावा करती हैं, लेकिन उन्होंने उनके लिए कुछ भी नहीं किया। बंगाल के मुसलमान अभी भी शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे हैं। ममता दो बार टीएमसी की विधायक बनीं, लेकिन बावजूद इसके शुद्ध पेयजल की कमी है।

ममता द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध को ओवैसी ने ढोंग करार दिया और कहा कि अपनी वोट बैंक की राजनीति चमकाने और मुसलमानों का इस्तेमाल करने के लिए उन्होंने नारा दिया और भाजपा पर आरोप लगाया कि वह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच राज्य को विभाजित करने की कोशिश कर रही है।

इससे पहले पिछले साल 2020 में मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने खुद को ओवैसी का बड़ा फैन बताया था। आईएसएफ के नेता सिद्दीकी ने कहा था कि वो इसलिए चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, क्योंकि कुछ लोग धर्म के आधार पर समाज को बाँटने में लगे हुए हैं। 31% वोट शेयर के साथ पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों का रुझान काफी मायने रखता है। TMC के नेताओं ने भी स्वीकार किया है कि अब्बास सिद्दीकी एक प्रभावशाली मुस्लिम नेता हैं, जिन्होंने कई मौकों पर AIMIM का खुल कर समर्थन किया है।

वहीं ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव 2021 के लिए आदर्श अचार संहित लागू होने से कुछ ही घंटों पहले ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस सरकार ने फुरफुरा शरीफ के विकास के लिए 2.60 करोड़ रुपए आवंटित किया। जबकि, ममता सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में वित्त विभाग ने 20 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।” ताकि मुस्लिम वोटों का तुष्टिकरण किया जा सके।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया