लोकसभा में महिला आरक्षण के विरोध में पड़े केवल दो वोट, एक ओवैसी दूजे जलील: जानिए AIMIM ने समर्थन नहीं करने का क्या खोजा बहाना

पार्टी सांसद इम्तियाज जलील (दाएँ) के साथ AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (फोटो साभार: X/ @imtiaz_jaleel )

नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 यानी महिला आरक्षण बिल, 20 सितंबर 2023 को लोकसभा में पास हो गया। पक्ष में 454 वोट पड़े। केवल दो सांसदों ने इसके विरोध में वोट दिया। दोनों ही सांसद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के हैं।

बिल के विरोध में वोट देने वाले सांसदों में से एक एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और दूसरे उनकी पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील थे। औवेसी का कहना है कि बिल में ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का कोटा नहीं होने के कारण उन्होंने इसका विरोध किया।

इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में ओवैसी ने कहा, “भारत में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 22 फीसदी है। भारत में मुस्लिम महिलाओं की आबादी 7 फीसदी है, जबकि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 0.7 फीसदी है। क्या आप उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देंगे?”

संसद में बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान ओवैसी ने कहा था कि यह बिल केवल ‘सवर्ण महिलाओं’ को आरक्षण देगा। उन्होंने कहा, “इस विधेयक के पीछे का मकसद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देना है। लेकिन ओबीसी और मुस्लिम महिलाएँ, जिनका प्रतिनिधित्व कम है, क्या आप उन्हें आरक्षण नहीं देंगे?”

उन्होंने संसद के बाहर कहा था, “क्या आप उन लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं देंगे जिनके लिए आप कानून ला रहे हैं? हमने इसके खिलाफ वोट दिया ताकि उन्हें (महिलाओं) पता चले कि दो सांसद थे जो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे थे।”

इससे पहले ओवैसी ने कहा था, “मोदी सरकार सवर्ण महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। वे ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं। लोकसभा में 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से केवल 25 ही मुस्लिम समुदाय से आई हैं।” ओवैसी ने ये भी कहा कि मुस्लिम महिलाओं को दोहरे भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को उनका उचित हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया।

महिला कोटा बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करता है। 21 सितंबर को यह बिला राज्यसभा में आएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया