पश्चिम बंगाल में रह रहे सभी बांग्लादेशी यहाँ के नागरिक, कागज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं: CM ममता का ऐलान

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में रह रहे बांग्लादेशियों को आश्वासन दिया है कि वो सभी भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने मंगलवार (फरवरी 3, 2020) को कहा कि जो भी बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल में रह रहे हैं और जिन्होंने भी चुनावों में मतदान किया है, वो सभी भारतीय नागरिक हैं और नागरिकता पाने के लिए उन्हें कागज़ दिखाने की कोई ज़रूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि वो दिल्ली में हुए हिंसक दंगों को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है।

सीएम ममता ने दावा किया कि वो अपने राज्य को दूसरी दिल्ली नहीं बनने देंगी। उन्होंने कहा कि जो भी बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल में आए हैं, उन्हें फिर से नागरिकता हेतु आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है, वो आटोमेटिक रूप से भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने बांग्लादेश से आए लोगों से कहा कि आपलोग मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदान करते हो, कोई कैसे कह सकता है कि आप भारतीय नागरिक नहीं हो? ममता बनर्जी ने उन लोगों को भाजपा पर विश्वास न करने की सलाह दी।

ममता बनर्जी ने कहा कि वो एक भी व्यक्ति को पश्चिम बंगाल से बाहर निकालने की कोशिश को सफल नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि उनके राज्य में रह रहा किसी भी शरणार्थी को नागरिकता से वंचित नहीं किया जाएगा। टीएमसी की मुखिया ने कहा कि जो दिल्ली में हुए, उसे बंगाल में नहीं होने दिया जाएगा और वो बंगाल को दूसरी दिल्ली या उत्तर प्रदेश नहीं बनने देंगी।

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ममता बनर्जी पर अक्सर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहते हैं। मुस्लिमों को रिझाने के लिए बंगाल की टीएमसी सरकार तरह-तरह की घोषणाएँ करती रहती है। ऐसे में, ममता बनर्जी का ये बयान केंद्र सरकार के सीएए और एनपीआर के ख़िलाफ़ विपक्षी विरोध के अनुरूप ही है। ममता बनर्जी अब खुल कर अपने राज्य में रह रहे बांग्लादेशियों के समर्थन में आ गई हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया