DGP बदले, हिंसा की जाँच के लिए न्यायिक आयोग का होगा गठन: मणिपुर में बोले अमित शाह- चलेगा सर्च ऑपरेशन, मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख

मणिपुर हिंसा की जाँच कराएगी भारत सरकार (फोटो साभार- एएनआई)

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे के बीच वहाँ कुछ फेरबदल हुए हैं। खबर है कि पुलिस बल के प्रमुख पी.डोंगेल की जगह अब आईपीएस अफसर राजीव सिंह को राज्य का नया डीजीपी बनाया गया है। वहीं गुरुवार (01 जून 2023) को अपने दौरे के चौथे दिन गृहमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ताजा हालात और कानून व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार पिछले 1 महीने से जारी हिंसा, हिंसा के कारण और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाएगी। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी दी जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के शुरुआत में गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी दी कि उन्होंने अपने दौरे के दौरान हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया और हर तबके के लोगों से मुलाकात की है। उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाईकोर्ट के चीफ जस्टीस स्तर के रिटायर्ड जजों द्वारा हिंसा की जाँच करवाई जाएगी।

गृहमंत्री ने हिंसा ग्रस्त इलाकों में शांति के लिए एक शांति समिति के गठन की भी बात कही। उन्होंने कहा कि शांति समिति राज्यपाल की अध्यक्षता में बनाई जाएगी जिसमें सभी पक्षों के लोग, राजनीतिक दल के नेता और खिलाड़ी शामिल होंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमित शाह ने ऐलान किया कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को केंद्र सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए और राज्य सरकार की तरफ से भी 5 लाख रुपए की मदद दी जाएगी।

अमित शाह ने पत्रकारों को जानकारी दी कि हिंसा को लेकर दर्ज मामलों की जाँच सीबीआई करेगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से सिक्योरिटी फोर्सेस सर्च ऑपरेशन शुरू करेंगे। उन्होंने मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाया कि बिना किसी भेद भाव के जाँच होगी और दोषियों को सजा दी जाएगी। राजधानी इम्फाल से दक्षिण में 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुराचंदपुर जिला हिंसा का केंद्र है।

मणिपुर में हिंसा क्यों?

बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में तीन प्रमुख समुदाय हैं। बहुसंख्यक मैतेई और दो आदिवासी समुदाय- कुकी और नागा। मैतेई राज्य की कुल आबादी के 53 प्रतिशत हैं। वहीं, कुकी और नागा राज्य की आबादी के 40 प्रतिशत हैं। मैतेई इंफाल घाटी और राज्य के मैदानी इलाकों में रहते हैं। वहीं, कुकी और नागा जनजातियाँ इंफाल घाटी से सटे पहाड़ी इलाकों में रहती हैं। कुकी और नागा समुदाय सरकार पर उनके प्रति सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हैं। हिंसा का कारण बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का फैसला और सरकारी भूमि का सर्वेक्षण है।

27-28 अप्रैल को चुराचंदपुर जिले में कुकी समुदाय के लोगों ने सीएम के कार्यक्रम को रद्द करा दिया था और जमकर बवाल काटा था। उग्र भीड़ पुलिस के साथ भीड़ गई थी और एक फॉरेस्ट ऑफिसर की भी हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा बहुसंख्यक मैतेई लोगों को एसटी का दर्जा दिए जाने को लेकर भी नागा और कुकी लोगों ने विरोध किया और राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हो गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया