2 ही बच्चे पैदा करो, बेटियों को स्कूल भेजो, कट्टरता छोड़ो, बाल विवाह रोको: बोले असम के CM हिमंता – 4 शर्तें पूरी करें मियाँ, वरना नहीं चाहिए वोट

CM हिमंता ने मुस्लिमों से वोट लेने की रखी 4 शर्तें (फाइल फोटो, साभार: Fb/HimantaBiswaSarma)

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि भाजपा को ‘चार क्षेत्रों में’ अगले 10 साल तक मुस्लिमों के वोट की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम भाजपा और पीएम मोदी के समर्थन में नारे रहे हैं तो वह लगा सकते हैं। लेकिन ‘परिवार नियोजन’ अपनाने और कट्टरता छोड़ने के बाद ही मुस्लिम भाजपा को वोट दें। बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी व उसकी सहायक नदियों के आसपास के रेतीले क्षेत्र को ‘चार’ क्षेत्र कहा जाता है।

असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने यह बात रविवार (2 अक्टूबर, 2023) को गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। सीएम हिमंता ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, “बीजेपी लोक कल्याण करेगी और मुस्लिम हमारा समर्थन करेंगे। लेकिन मियाँ लोगों को हमें वोट देने की जरूरत नहीं है। हमारा समर्थन करने में कोई समस्या नहीं है। वे हिमंता बिस्वा सरमा, नरेंद्र मोदी और बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाते हैं तो लगाने दीजिए।”

इस दौरान CM सरमा ने यह भी बताया कि वह मुस्लिमों से वोट माँगने कब जाएँगे। उन्होंने कहा, “जब चुनाव आएँगे तो मैं खुद उनसे अनुरोध करूँगा कि वे हमें वोट न दें। अगर वे परिवार नियोजन अपनाते हैं, बाल विवाह को रोकते हैं और कट्टरता छोड़ देते हैं तो हमें वोट दें। हालाँकि, इन चीजों का पूरा करने में 10 साल लग जाएँगे। इसलिए हम अभी नहीं, 10 साल बाद वोट माँगेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को वोट देने वालों को दो या तीन से अधिक बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए। अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहिए। बाल विवाह नहीं करना चाहिए और कट्टरता छोड़कर सूफीवाद अपनाना चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि जब ये सभी शर्तें पूरी हो जाएँगी तो वो खुद वोट माँगने ‘चार’ क्षेत्र जाएँगे।

इस दौरान पत्रकारों ने उन्हें बताया कि ‘चार’ के कुछ इलाकों जहाँ बंगाली मुस्लिम रहते हैं, वहाँ स्कूल नहीं है। इस पर सीएम हिमंता ने कहा कि वे जल्द ही इन स्थानों में पढ़ाई के लिए व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। हम आने वाले दिनों में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में सात कॉलेज खोलेंगे।”

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सीएम हिमंता ने मुस्लिमों से वोट लेने के लिए मना किया हो। इससे पहले इसी साल अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि फिलहाल उन्हें मुस्लिमों के वोट नहीं चाहिए। सभी समस्याएँ वोट बैंक की राजनीति के चलते होती हैं। वह हर महीने एक मुस्लिम इलाके में जाते हैं और उनके कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। लेकिन वह यह सब वोट के लिए नहीं करते। वह चाहते हैं कि मुस्लिमों को यह पता चले कि कॉन्ग्रेस और मुस्लिमों का रिश्ता सिर्फ वोट बैंक से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा था कि मुस्लिम उन्हें वोट न दें। अगले 10 साल तक वह विकास करेंगे। वह चाहते हैं कि बाल विवाह पूरी तरह से खत्म हो और लोग मदरसों की जगह कॉलेजों में पढ़ने जाएँ। सीएम सरमा ने यह भी कहा था कि कॉन्ग्रेस ने मुस्लिम इलाकों में स्कूल नहीं बनाए। लेकिन वे उनका विकास करना चाहते हैं। 10-15 साल तक विकास करेंगे। फिर मुस्लिमों से वोट माँगेंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया