TMC के शिक्षा मंत्री की ‘शिक्षक’ बेटी की स्कूल में ‘नो एंट्री’, कलकत्ता HC ने दिया पूरी सैलरी वापस करने का आदेश: शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा है मामला

परेश अधिकारी की बेटी (फोटो साभार- Zee News)

कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (20 मई 2022) को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को अगले आदेश तक स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंत्री की बेटी को अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त किए गए वेतन को लौटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह वेतन दो किश्तों में लौटानी होगी।

यह फैसला सीबीआई के मंत्री अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ FIR दर्ज करने के एक दिन बाद आया है। दरअसल, पिछले दिनों कलकत्ता हाई कोर्ट ने दोनों के खिलाफ सीबीआई समन का डेडलाइन सेट किया था। उन्हें सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में अवैध रूप से शिक्षकों की भर्ती करने और मेरिट सूची से अनुपस्थिति के बावजूद अपनी बेटी को नौकरी आवंटित करने के लिए तलब किया गया था। इस डेडलाइन के खत्म होने के बाद सीबीआई ने FIR दर्ज की थी।

एजेंसी ने वरिष्ठ टीएमसी नेता और उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी से भी पूछताछ की थी क्योंकि कथित भर्ती घोटाला तब हुआ था जब वह शिक्षा मंत्री थे। शिक्षा राज्य मंत्री अधिकारी से 19 मई को पूछताछ की गई थी।

इस बीच, भाजपा नेताओं ने SSC घोटाले के मुद्दे पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया और परेश अधिकारी एवं पार्थ चटर्जी दोनों के इस्तीफे की माँग की।

क्या है SSC घोटाला

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, जिसे आमतौर पर SSC घोटाले के रूप में जाना जाता है, 2014 से 2016 तक SSC द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलटी) के माध्यम से आयोजित भर्ती प्रक्रिया को देखता है। राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) के उम्मीदवार ने आरोप लगाया था कि कम अंक प्राप्त करने वाले कई उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट में उच्च रैंक दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि जो उम्मीदवार मेरिट लिस्ट में नहीं थे, उन्हें भी नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) भेजा गया था।

इसके अलावा, वर्ष 2016 में, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ग्रुप C और ग्रुप D के कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आए। यह मामला इस साल मार्च में तब सामने आया था जब राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई थी।

इससे पहले एकल पीठ ने सीबीआई को एसएससी सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष एसपी सिन्हा और पैनल के अन्य पूर्व सदस्यों से पूछताछ करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सीबीआई को पूर्व सदस्यों से पूछताछ के बाद रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। अप्रैल में, CBI ने पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा निदेशालय के पूर्व उप निदेशक आलोक कुमार सरकार और एसएससी के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की थी।

FIR के अनुसार, आरोपित ने ग्रुप-डी स्टाफ पदों के लिए लगभग 500 अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करने में अनुचित लाभ उठाया था। कथित तौर पर, उन्होंने विभागीय नियमों की भी धज्जियाँ उड़ाईं और इसके लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। केंद्रीय एजेंसी के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 420, 468 और 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 

8 अप्रैल को सीबीआई ने आरोपितों से पूछताछ की और कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को सीबीआई के सामने पेश होने को कहा। सीबीआई ने मंत्री परेश अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी पर धारा 120 बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 7 के तहत आरोपित बनाया है। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया