भोपाल में हजारों मुस्लिमों की भीड़ के साथ उतरने वाले कॉन्ग्रेस MLA आरिफ मसूद ने कहा- बस चलता तो फ्रांस के राष्ट्रपति का चेहरा कुचल देता

कॉन्ग्रेस MLA आरिफ मसूद (साभार: @arifmasoodbpl Twitter)

शार्ली हेब्दो नामक एक फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कार्टून चित्रण और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा और कट्टरपंथी इस्लाम की निंदा ने दुनिया भर में मुस्लिमों को भड़का दिया है। वहीं भारत सरकार ने इस्लामी आतंकवादियों द्वारा फ्रांसीसी लोगों पर हाल ही में किए गए हमलों पर फ्रांस के साथ एकजुटता व्यक्त की। तो दूसरी ओर भारत में कुछ मुस्लिम नेताओं और संगठनों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति की निंदा करते हुए उनपर पैगंबर का अपमान करने का आरोप लगाया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के खिलाफ भोपाल में गुरुवार को हजारों मुस्लिमों की भीड़ सड़क पर उतर आई और प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान मसूद ने कहा कि अगर उनका बस चलता, तो वे राष्ट्रपति मैक्रों का चेहरा कुचल देते। उन्होंने आगे कहा, “हमारे हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि हम कानून के पालन करने वाले नागरिक हैं और हमें हमारे अल्लाह के नबी द्वारा शांति की शिक्षा दी गई है।”

भोपाल सेंट्रल के कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। मसूद ने अपने एक ट्वीट में कहा कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक बात बोलने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति के विरोध में गुरुवार को हजारों मुस्लिम इकबाल मैदान में इकट्ठे हुए थे।

इस बीच पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद समेत 2 हजार अज्ञात लोगों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन ना करने को लेकर केस दर्ज कर लिया है।

कथित रूप से पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए फ्रांस के खिलाफ देवबंद के प्रमुख, मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, देवबंद, ने इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ कोऑपरेशन (OIC), अरब लीग और अन्य मुस्लिम देशों ने नाराजगी जताते हुए फ्रांस के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है।

इस्लामिक मदरसा ने भारत सरकार से फ्रांस सरकार की निंदा करने और ईशनिंदा करने वालो के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून लाने की अपील भी की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया