जातीय गणना: लालू ने बताया संपूर्ण क्रांति तो राहुल गाँधी ने जनसंख्या के हिसाब से भागीदारी का लिया प्रण, गिरिराज सिंह बोले- सब भ्रम है

बिहार में जातिगत जनगणना (फोटो साभार : एआई)

बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आँकड़े जारी कर दिए हैं। बिहार सरकार द्वारा आँकड़े जारी करने के बाद तमाम बड़े नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। राहुल गाँधी ने तो पूरे देश में जातिगत जनगणना की माँग कर डाली है। वहीं, लालू प्रसाद ने जेपी के संपूर्ण क्रांति को याद किया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रियाएँ कुछ ऐसी रहीं।

नीतीश कुमार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी। दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है।”

उन्होंने आगे लिखा है, “जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।”

बिहार की राजनीति में दशकों तक सक्रिय रहे आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “जातीय जनगणना से ही जेपी का संपूर्ण क्रांति का सपना पूरा होगा, 2015 में भी मैंने यह बात कही थी।”

लालू प्रसाद यादव ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “आज गाँधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। ये आँकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे।”

कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने कहा कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहाँ OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट सम्भालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आँकड़े जानना जरूरी है। जितनी आबादी, उतना हक। ये कॉन्ग्रेस का प्रण है।

बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, “कम समय में जाति आधारित सर्वे के आँकड़े एकत्रित एवं उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया। इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आँकड़े प्रदान किए हैं, बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है। अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी।”

उन्होंने आगे लिखा, “इतिहास गवाह है भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रूकावट डालने की कोशिश की। बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंज़िलों के लिए। आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नही है। बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगा।”

भाजपा ने बताया दिखावा

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है, “जाति जनगणना राज्य के गरीबों और जनता के बीच ‘भ्रम’ फैलाने से ज्यादा कुछ नहीं करेगी। उन्हें एक रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि नीतीश कुमार ने 18 साल तक राज्य पर शासन किया और लालू यादव ने 15 वर्षों तक राज्य पर शासन किया, लेकिन राज्य का विकास नहीं किया। जाति जनगणना का रिपोर्ट कार्ड सिर्फ दिखावा है…।”

बिहार में आए जातिगत जनगणना के आंकड़े

बता दें कि बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। बिहार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इन आँकड़ों को जारी करते हुए बताया कि बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। इन आँकड़ों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जाति की कुल आबादी तीन प्रतिशत से भी कम है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया