2014 में 55 पर अटकी BJP, 2022 में किया 100 का आँकड़ा पार: 34 साल बाद राज्यसभा में टूटा रिकॉर्ड, नॉर्थ-ईस्ट से कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ

भाजपा ने राज्यसभा में पार किया 100 सीटों का आँकड़ा और पहुँची बहुमत के करीब (प्रतीकत्मक चित्र)

भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा में पहली बार 100 सीटों का आँकड़ा पार किया है। साल 1988 के बाद ये सँख्या पाने वाली भाजपा पहली पार्टी है। भाजपा ने यह उपलब्धि गुरुवार (31 मार्च) को पूर्वोत्तर भारत की 3 सीटें जीत कर हासिल की। वर्तमान समय में भाजपा के कुल 101 राज्यसभा सदस्य हैं। साल 1988 में कॉन्ग्रेस ने 245 सदस्यों की विधानसभा में 100 सीटों का आँकड़ा पार किया था। साल 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी तब भाजपा के राज्यसभा सदस्यों की कुल सँख्या 55 थी।

पूर्वोत्तर भारत में राज्यसभा की कुल 4 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 3 और एक उनके सहयोगी दल ने जीतीं। इसमें एक सीट त्रिपुरा की शामिल है जहाँ भाजपा विधानसभा के अंदर बहुमत में है। नागालैंड में भाजपा ने एक महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। उन्हें आसानी से जीत मिली। वो नागालैंड से राज्यसभा जाने वालीं पहली महिला प्रत्याशी भी हैं। इसी के साथ भाजपा के ही नेतृत्व वाले NDA ने असम की राज्यसभा की दोनों सीटें भी जीत ली हैं। हिमाचल प्रदेश की भी एक राज्यसभा सीट भाजपा ने जीती है।

असम के मुख्यमंत्री ने इस जीत की घोषणा करते हुए बताया, “हमने और हमारे सहयोगी दल ने असम की दोनों राज्यसभा सीटें जीती हैं। असम में भाजपा के सहयोगी दल का नाम यूनिटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (UPPL) है।”

यह पहली बार होगा कि कॉन्ग्रेस पार्टी का पूर्वोत्तर भारत से राज्यसभा में कोई भी प्रतिनिधि नहीं है। पूर्वोत्तर के राज्य असम में कॉन्ग्रेस साल 2015 से हार रही है। वहीं आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सभी 5 राज्यसभा सीट जीत ली है। अब नए आँकड़ों के मुताबिक राज्यसभा में भाजपा की कुल 101 सीटें हैं। जबकि कॉन्ग्रेस पार्टी अपने न्यूनतम सँख्या 32 पर आ गई है। इसी के साथ तृणमूल कॉन्ग्रेस के 13, DMK के 10, BJD के 9, CPI – M के 6, TRS के 6 और YSRCP के 6 राज्यसभा सदस्य हैं।

राज्यसभा में बहुमत का आँकड़ा 123 सीटों का है। भाजपा इस बहुमत के आँकड़े के काफी करीब आ चुकी है। जुलाई महीने से राज्यसभा में सभी दलों की स्थिति और साफ़ हो जाएगी। आने वाले जुलाई माह में कॉन्ग्रेस पार्टी के 13 और सदस्य रिटायर हो रहे हैं। फिलहाल विपक्ष अगस्त माह में होने वाले उपराष्ट्रपति के चुनाव की लड़ाई से बाहर दिखाई दे रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया