हाईकोर्ट ने बग्गा की गिरफ्तारी पर लगाई रोक: पिता बोले- केजरीवाल ने दिया था AAP में शामिल होने का ऑफर, अब परेशान कर रहे हैं

तजिंदर पाल सिंह बग्गा (फाइल फोटो)

दिल्ली भाजपा (Delhi BJP) के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga) को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) से शनिवार (7 मई 2022) की देर रात राहत मिल गई। कोर्ट ने अगले आदेश आदेश तक बग्गा के खिलाफ पंजाब पुलिस को किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। दरअसल, मोहाली कोर्ट ने बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह बात कही।

इससे पहले पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने भाजपा नेता को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उसे रोक लिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें हरियाणा से छुड़ा लाई थी। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर बग्गा का अपहरण करने का मामला भी दर्ज किया था।

इसके बाद मोहाली कोर्ट ने एक नए मामले में तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दी और पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच से उन्हें कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने के लिए कहा। बग्गा के खिलाफ धारा 153 A, 505, 505 (2) और 506 के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद बग्गा के वकील ने हाईकोर्ट में अर्जी देकर आवश्यक सुनवाई के लिए अनुरोध किया।

पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट ने शनिवार की आधी रात को जस्टिस अनूप चितकारा के आवास पर मामले की अर्जेंट सुनवाई की और इस मामले में बग्गा को राहत देते हुए पंजाब पुलिस को किसी भ कार्रवाई से रोक दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 10 मई को होगी।

कोर्ट से बग्गा को राहत मिलने के बाद उनके पिता प्रीतपाल सिंह बग्गा ने कहा, “मुझे खुशी है कि तजिंदर को पंजाब हाईकोर्ट से राहत मिली है। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार उन्हें किसी ना किसी मामले में फँसाना चाहती है। वे FIR करते रहेंगे, लेकिन हम रुकने वाले नहीं हैं। यह लड़ाई लंबी चलेगी।” वहीं, बग्गा को राहत मिलने पर तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट किया- “न्याय की एक और जीत.. कानून के शासन की एक और जीत हुई है।”

उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Delhi CM arvind Kejriwal) बग्गा से डरते हैं, क्योंकि वह उनके गलत कामों को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल ने तजिंदर को AAP में शामिल होने के लिए मनाने की भी कोशिश की, लेकिन वह शामिल नहीं हुए। इसके बाद उन्हें परेशान किया जाने लगा।

उधर, बग्गा को गिरफ्तार करने के दौरान पंजाब पुलिस के जवानों ने उन्हें पगड़ी नहीं पहनने दी। इस पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर इस मामले में 7 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया