‘इंदिरा गाँधी ने चलवाई थी साधु-संतों पर गोलियाँ’: JP नड्डा का जनता के नाम पत्र, याद दिलाया राजीव गाँधी का ‘बड़ा पेड़’ वाला बयान

जेपी नड्डा ने कॉन्ग्रेस की मानसिकता को जनता के सामने उजागर किया

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) ने त्योहारों के बीच हो रहे दंगों पर जनता के नाम एक खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कॉन्ग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए उसके राज में हुए दंगों का जिक्र किया। नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का जिक्र करते हुए उनके उस बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा कि था जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। इसके साथ ही बीजेपी चीफ ने करौली हिंसा पर कॉन्ग्रेस की चुप्पी पर उसे घेरा।

बीजेपी चीफ ने कहा कि हम अभी आजादी के 75 साल पूरे होने उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही वो मौका है जब इस बात को लेकर योजना बनाने की जरूरत है, जब हम 2047 में आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो कैसा महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत का युवा वर्ग रुकावटों को पीछे छोड़ अवसरों को अपनाना चाहता है और विपक्ष से विकास को अपनाने की अपेक्षा भी रखता है।

इसके साथ ही नड्डा ने कॉन्ग्रेस शासनकाल में हुए दंगों की याद दिलाते हुए बंगाल और केरल में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या किए जाने का जिक्र किया। महाराष्ट्र में राज्य सरकार के दो मंत्रियों जेल में होने पर कॉन्ग्रेस की चुप्पी पर सवाल जेपी नड्डा ने उठाया। अपने पत्र में नड्डा लिखते हैं कि देश में दशकों से वोट बैंक की राजनीति को साधने के लिए असामाजिक तत्वों से समझौता किया जाता रहा है। कॉन्ग्रेस को आत्ममंथन करने की सलाह देते हुए बीजेपी चीफ ने कहा कि कई दशकों से देश पर निर्बाध रूप से शासन करने वाली पार्टियाँ सिमट कर रह गई हैं, इसके लिए उन्हें सोचने की जरूरत है।

दंगों के लिए कॉन्ग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

जेपी नड्डा ने हनुमान जयंती और रामनवमी जैसे त्योहारों के मौके पर हुई हिंसा के लिए कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। सांप्रदायिक हिंसा को समाज को तोड़ने की साजिश करार देते हुए नड्डा ने कॉन्ग्रेस पर गैर-जिम्मेदाराना रवैये का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनावों में जिस तरह की सफलता बीजेपी को मिली है, उससे कुछ लोग बेहद हताश हो गए हैं। इसीलिए देश को तोड़ने वाली साजिशों के साथ जोड़ लिया। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि कैसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते कॉन्ग्रेस नेता सिद्धरमैया ने PFI के कट्टरपंथियों को छोड़ दिया।

इंदिरा गाँधी ने साधुओं पर चलवाई थी गोलियाँ

नड्डा ने आरोप लगाया कि 1966 में उस वक्त की पीएम रहीं इंदिरा गाँधी ने गौहत्या को बैन करने की माँग को लेकर संसद के बाहर धरने पर बैठे हिंदू साधुओं पर गोलियाँ चलवाई थीं। वहीं नड्डा ने पूर्व पीएम राजीव गाँधी के कुख्यात भाषण का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने सिखों को नरसंहार को सही ठहराया था।

नड्डा ने ऐसे कई उदाहरण दिए जिसमें विपक्ष ने सत्ता में रहते हुए सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दिया। इसके अलावा उन्होंने गुजरात 1969 से भिवंडी 1984, मेरठ 1987, मुजफ्फरनगर 2013, असम 2012 और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ 1980 के दशक में घाटी से उनके पलायन की घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने केंद्र में कॉन्ग्रेस और अन्य पार्टियों के शासन के तहत हुई कई बड़ी घटनाओं का उल्लेख किया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया