बस ड्राइवरों ने कॉन्ग्रेस का खोला पोल, खराब खाने को लेकर जम कर की नारेबाजी: अब तक 297 गाड़ियों में गड़बड़ी

कॉन्ग्रेस का दावा है कि उसकी सैकड़ों बसों को भरतपुर-आगरा सीमा पर रोक कर रखा गया है

उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के लिए बसों को लेकर राजनीति और गहरी हो गई है। इस मामले में योगी आदित्यनाथ की सरकार और कॉन्ग्रेस की प्रियंका गाँधी आमने-सामने आ गई है।

कॉन्ग्रेस का दावा है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बड़ी संख्या में बसें योगी सरकार की अनुमति का इंतजार कर रही हैं। अब ख़बर आई है कि इन बसों के ड्राइवरों ने कॉन्ग्रेस पार्टी के ख़िलाफ़ नारेबाजी की है। कहा जा रहा है कि इन ड्राइवरों को ठीक से खाना नहीं खिलाया जा रहा था, जिस कारण उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया।

ये बसें भरतपुर-आगरा सीमा पर खड़ी हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी का दावा है कि इनमें सैकड़ों बसें शामिल हैं। कभी बसों को लखनऊ भेजने की बात कही जा रही है तो कभी कागज़ी काम पूरा होने के कारण उनके वहाँ फँसे होने की बात बताई जा रही है।

यूपी व राजस्थान के कई कॉन्ग्रेस नेताओं ने भी धरना और विरोध प्रदर्शन किया। कॉन्ग्रेस नेताओं ने यूपी सरकार के ख़िलाफ़ जम कर नारेबाजी की। राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने योगी सरकार पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप मढ़ दिया।

वहीं राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियाँ ने कहा कि कॉन्ग्रेस की ओछी राजनीति का इतिहास रहा है लेकिन ये नहीं पता था कि वो इसके लिए कोरोना को भी अपना हथियार बना लेगी। उन्होंने कहा कि जहाँ राजस्थान में लाखों प्रवासी पैदल चल रहे हैं, कॉन्ग्रेस सस्ती लोकप्रियता के लिए ये सब कर रही है।

अलवर के कॉन्ग्रेस नेता जुबैर ख़ान इस पूरे प्रकरण में कॉन्ग्रेस की ओर से बढ़-चढ़ कर सक्रिय हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि पूरी ज़िंदगी में कभी कोई आंदोलन न करने वाले ज़ुबैर अब प्रियंका के कहने पर धरने दे रहे हैं।

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आगरा जिले के नजदीक बॉर्डर पर मंगलवार (मई 19, 2020) को उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे, जहाँ से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

अजय कुमार लल्लू के खिलाफ लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने में आईपीसी की धारा 420/467/468 के अंतर्गत दर्ज कराया गया है। कॉन्ग्रेस ने इसे बलपूर्वक कार्रवाई करार दिया और कहा कि ये मानवता को शर्मसार करने वाला है। इस दौरान पुलिस और कॉन्ग्रेसियों के बीच झड़प भी हुई। योगी सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगे।

इससे पहले कॉन्ग्रेस पार्टी ने यूपी सरकार को 1000 बसों की सूची सौंपने का दावा किया था। वो अलग बात है कि इनमें से 297 गाड़ियों में कोई न कोई गड़बड़ी है। 79 की फिटनेस नहीं है, 140 का बीमा समाप्त हो चुका है और 78 ऐसी हैं, जिनमें ये दोनों ही ख़त्म हो चुका है।

प्रियंका गाँधी द्वारा भेजे गए बसों की सूची में से 31 ऑटो थे, 69 एंबुलेंस, ट्रक या फिर अन्य वाहन थे। इसके साथ ही 70 ऐसे वाहनों की लिस्ट दी गई थी, जिसका कोई डेटा ही उपलब्ध नहीं था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया