CAA पर फिर पलटी शिवसेना: कॉन्ग्रेस-UPA को दिया गच्चा, कहा – ‘हमारी खुद की पहचान, हम तुम्हारे साथ नहीं’

शिवसेना कब-कब और किस-किस मुद्दे पर मारेगी पलटी?

‘हिंदू हृदय सम्राट’ बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में सरकार बना चुके हैं। उद्धव ठाकरे की सरकार मतलब BJP से अलग होकर तीन पहियों वाली सरकार। वही सरकार जो CAB मतलब नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में लोकसभा में अपने सासंदों से वोटिंग करवाती है, फिर वही राज्यसभा से मुँह फुला कर गायब हो जाती है। अब जबकि बिल ने एक्ट का रूप ले लिया है तो CAA (नागरिकता संशोधन कानून) पर एक बार फिर से शिवसेना ने पलटी मारी है।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बुधवार को विपक्षी पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने गया। जैसा कि प्रत्याशित था, शिवसेना इससे गायब रही। कॉन्ग्रेस और NCP के साथ वाली शिवसेना ने न सिर्फ इन दोनों को बल्कि पूरे विपक्ष को धोखा दिया है। इस धोखे के बाद संजय राउत ने जो बयान दिया है, वो मजेदार है। बयान क्या है, सफाई है – वो भी कॉन्ग्रेस को संदेश देती हुई। अपनी ठसक दिखाती हुई।

शिवसेना नेता और मुखपत्र सामना के एडिटर संजय राउत ने सफाई देते हुए कहा कि नागरिकता कानून पर विपक्षी दलों के समूह से अलग रहने का कोई कारण नहीं था। “विपक्षी नेताओं के साथ जाना चाहिए था” वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक तरह का बेकार सवाल है। इसके बाद तो उन्होंने महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक की राजनीति पर बात कर डाली।

संजय राउत ने स्पष्ट कहा कि महाराष्ट्र में भले ही शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी का गठबंधन है, लेकिन दिल्ली में अभी भी उनकी पार्टी की अपनी अलग पहचान है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “शिवसेना कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले UPA का हिस्सा नहीं है, हम एनडीए से बाहर जरूर हैं, मगर यूपीए के साथ नहीं। संसद में हमारी अपनी पहचान है।”

आपको याद दिला दें कि लोकसभा में शिवसेना के सांसदों ने नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में अपना समर्थन दिया था। हालाँकि, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी के ‘गुस्से भरे ट्वीट’ के बाद राजनीतिक समीकरण बदला था और इसी बिल पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान शिवसेना ने वॉकआउट किया था।

अब नागरिकता संशोधन बिल कानून बन चुका है। इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं, भ्रम फैलाया जा रहा है। कथित अल्पसंख्यकों के दिलों में डर का माहौल बनाया जा रहा है। इसके लिए वामपंथी, मीडिया गिरोह और राष्ट्रविरोधी राजनीतिक पार्टियाँ कमर कस कर लगी हुई हैं। लेकिन शिवसेना अपने ‘हिंदू हृदय सम्राट’ के साये से बाहर आए तो कैसे आए!

लोकसभा में हाँ, राज्यसभा में ना: नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिव सेना का ‘पेंडुलम हिंदुत्व’

‘हिन्दू फासिस्ट’ से लिबरल-दुलारी हुई शिव सेना, उद्धव बने आँख के तारे: ‘मीडिया गिरोह’ ने जमकर उड़ेला प्यार

कॉन्ग्रेस ने तोड़ा संजय राउत का गोवा ड्रीम, कहा- भाजपा सरकार गिरने की संभावना नहीं

शायरी से श्राप तक: क्लर्क से संपादक और नेता बने संजय राउत ने जब फैलाया था रायता, आज खुद फैल गए!

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया