‘मेरे परिवार से मिलती है BJP की विचारधारा’: CM धामी से मिले दिवंगत CDS जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत

CDS जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल बिपिन रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात

दिवंगत CDS जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और भाजपा की प्रशंसा की। उनके साथ मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालते हुए सीएम थामी ने लिखा, “आज दिल्ली में देश के प्रथम CDS और उत्तराखंड के अभिमान स्वर्गीय श्री बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत से भेंट की। बिपिन रावत व उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है। मैं सदैव उनके सपनों के अनुरूप उत्तराखंड बनाने हेतु कार्य करता रहूँगा।”

इस दौरान कर्नल (रिटायर्ड) विजय रावत ने कहा कि वो उत्तराखंड राज्य को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दृष्टिकोण को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम धामी का विजन भी वही है, जो उनके दिवंगत भाई CDS जनरल बिपिन रावत के दिमाग में था। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप भाजपा में शामिल होंगे, इस पर उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड की जनता की सेवा करना चाहेंगे। सीएम धामी ने अंगवस्त्र ओढ़ा कर कर्नल विजय रावत को सम्मानित किया।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में चर्चा है कि कर्नल विजय रावत जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ज्ञात हो कि 8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के सुलूर एयर बेस से से ऊटी के करीब वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज जा रहा भारतीय वायुसेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें CDS रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोगों की मृत्यु हो गई थी। मौसम के चलते पायलट के ‘भटकने’ के कारण ऐसा हुआ था। हैलीकॉप्टर सीधा जमीन से जा टकराया था।

कर्नल विजय रावत ने कहा कि उनके परिवार की विचारधारा भाजपा से मिलती-जुलती है, इसीलिए मौके मिलने पर वो पार्टी के टिकट पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं। बता दें कि CDS जनरल बिपिन रावत का भी अपने गृह राज्य उत्तराखंड से खास लगाव था। सितंबर 2019 में वो पत्नी के साथ केदारनाथ और गंगोत्री धाम का दर्शन करने पहुँचे थे। उन्होंने उत्तरकाशी के डुंडा स्थित अपने ननिहाल थाती जाकर लोगों से मुलाकात की थी।

उस दौरान उन्होंने पलायन को पहाड़ की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा था कि वो यहाँ के लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने बताया था कि इस क्षेत्र में उच्च-शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वो राज्य और केंद्र की सरकारों से बातचीत करते रहते हैं। उन्होंने पहाड़ों में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खोलने की वकालत करते हुए कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वो यहाँ के गाँवों की सेवा करेंगे। हालाँकि, हैलीकॉप्टर क्रैश ने उन्हें देश से छीन लिया, जिससे लोग काफी शोक में डूब गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया