‘पीड़ितों के जख्मों पर नमक मल रही सरकार’: AG/DG की नियुक्तियों से खफा सिद्धू को CM चन्नी ने दी नसीहत- पार्टी में रखिए अपनी बात

चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू (बाएँ से)

पंजाब में मचे सियासी घमासान के बीच अब नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच ठन गई है। कैप्टन को सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले सिद्धू अब चन्नी के साथ भी वही कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में एजी डीजी की नियुक्ति को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद सीएम चन्नी ने उनके ट्वीट का जवाब दिया है। उन्होंने सिद्धू को पार्टी का काम करने की नसीहत दी।

साथ ही कहा कि अगर उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत है तो वो पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। मोरिंडा में मीडिया से बात करते हुए चन्नी ने कहा कि हम दोनों को आपसी तालमेल से काम करना चाहिए और हम कर रहे हैं। अगर कहीं किसी को कोई बात पसंद नहीं आती है तो पार्टी की कोऑर्डिनेशन कमेटी में इसको लेकर चर्चा की जा सकती है। सरकार का काम ईमानदारी से काम करना और सभी को साथ लेकर चलना है।

सीएम चन्नी ने खुद को आम जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि बताया और कहा कि हम आपके सामने हैं। सिद्धू के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए चन्नी ने कहा कि राज्य में अभी भी डीजीपी की नियुक्ति होनी है और इसका नियम निर्धारित है, जिसके बारे में सिद्धू साहब भी जानते हैं। डीजीपी की नियुक्ति के लिए 30 साल की सेवा पूरी कर चुके अफसरों की लिस्ट भेजी गई है। अब तीन नामों का पैनल केंद्र की ओर से भेजा जाना है। केंद्र के पैनल के बाद ही डीजीपी की नियुक्ति हो सकती और फिलहाल अस्थायी उपाय किए गए हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि 58 साल की सर्विस कर चुके अधिकारियों को अब रिटायरमेंट लेना चाहिए, ताकि नौजवानों को वहाँ तक पहुँचाया जा सके। चन्नी के मुताबिक, इसके लिए तैयारी कर ली गई है और इससे किसी को भी राहत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि पंजाब के खेतिहर मजदूरों के पाँच सौ बीस करोड़ रुपए के कर्ज माफ किए जा रहे हैं। इसके तहत 2.85 लाख परिवारों का कर्ज माफ किया जाएगा।

क्या था सिद्धू का बयान

सिद्धू ने चन्नी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि पिछली सरकार राज्य में नशे और बेअदबी की घटनाओं पर रोक लगाने में पूरी तरह से असफल रही थी और यही हाल नई सरकार में भी हैं। उन्होंने कार्यकारी डीजीपी और एजी को हटाने की माँग की थी। सिद्धू ने ट्वीट किया, “बेअदबी के मामलों में न्याय की माँग और नशीली दवाओं के व्यापार के मुख्य दोषियों की गिरफ्तारी के लिए 2017 में हमारी सरकार आई और उनकी विफलता के कारण लोगों ने अंतिम सीएम को हटा दिया। अब AG/DG नियुक्तियाँ पीड़ितों के जख्मों पर नमक मलती हैं, उन्हें बदला जाना चाहिए वरना हमारा कोई चेहरा नहीं होगा!”

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया