दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे भगवान राम के भक्त हैं। विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि वे हनुमान के भक्त हैं और हनुमान रामचंद्र जी के… तो इस नाते वे रामचंद्र जी के भी भक्त हुए। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 6 सालों में दिल्ली के भीतर ‘राम राज्य’ लाने की कोशिश की है। दिल्ली के सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य मंदिर बनने के बाद, सरकार बुजुर्गों को मुफ्त में दिल्ली से अयोध्या दर्शन के लिए ले जाएगी।
https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1369580116741820416?ref_src=twsrc%5Etfwअरविंद केजरीवाल ने कहा, “मैं व्यक्तिगत तौर पर हनुमान जी का भक्त हूँ। हनुमान जी रामचंद्र जी के भक्त हैं तो उस नाते मैं हनुमान जी और श्री रामचंद्र जी, दोनों का भक्त हुआ। प्रभु श्रीराम अयोध्या के राजा थे। उनके शासनकाल में… कहते हैं कि सब कुछ बहुत अच्छा था। सब लोग सुखी थी। किसी को किसी प्रकार का दुख नहीं था। हर प्रकार की सुविधा थी। उसे ‘राम राज्य’ कहा गया। ‘राम राज्य’ एक अवधारणा है। रामचंद्र जी भगवान थे, हम उनके सामने एक तुच्छ प्राणी हैं। हम तो तुलना भी नहीं कर सकते लेकिन उनसे प्रेरणा लेकर हम अगर उनके ‘राम राज्य’ की अवधारणा के रास्ते पर चलकर एक सार्थक कोशिश भी कर सकें तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा।”
https://twitter.com/ANI/status/1369578863425056777?ref_src=twsrc%5Etfwकेजरीवाल ने गिनाए ‘राम राज्य’ के 10 सिद्धांत
सीएम केजरीवाल ने कहा, “प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर ‘राम राज्य’ की अवधारणा को दिल्ली के अंदर पूरी साफ नीयत से लागू करने के लिए पिछले छह साल से हम प्रयासरत हैं। हमने एक तरह से राम राज्य के 10 सिद्धांत बनाए हैं।”
केजरीवाल ने जो 10 सिद्धांत गिनाए, वो इस प्रकार हैं:
1. कोई भूखा ना सोए
2. बच्चों को अच्छी शिक्षा
3. सभी को बेहतर इलाज
4. 24×7 मुफ्त बिजली
5. सभी को मुफ्त पानी
6. सभी को रोजगार
7. बेघरों को मकान
8. महिलाओं को सुरक्षा
9. बुजर्गों को सम्मान
10. सभी को समान अधिकार
केजरीवाल ने कहा, “पिछले 1 साल में देश और दिल्ली ने कोरोना महामारी का सामना किया। नेता चाहे कितनी भी तारीफ कर ले लेकिन अस्पताल में इलाज तो डॉक्टर्स ने किया। हम और सदन दिल से डॉक्टर्स, नर्सेस, फ्रंटलाइन वारियर्स और वैज्ञानिकों का धन्यवाद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि राम राज्य से एक अवधारणा है रामचंद्र जी भगवान थे। हम उनके सामने एक विचित्र प्राणी है। हम इतना भी नहीं कर सकते। लेकिन उनसे प्रेरणा लेकर हम अगर उनके राम राज्य की अवधारणा के रास्ते पर चलकर अगर एक सार्थक कोशिश भी कर सकें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।