ED की कस्टडी से विधानसभा आए हेमंत सोरेन, झारखंड में चंपई सरकार ने हासिल किया विश्वास मत: पक्ष में पड़े 47 वोट

झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (फोटो साभार : Youtube_JVSTV)

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा है, इस पर बहस हुई। झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन की सरकार फ्लोर टेस्ट जीतने में कामयाब हो गई है। चंपई सरकार के समर्थन में 47 वोट मिले हैं, जबकि विपक्ष को कुल 29 वोट मिले हैं। चंपई सोरेन ने विपक्ष पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

इस दौरान उन्होंने कहा, “हेमंत सोरेन हैं तो हिम्मत है। हेमंत सोरेन ने राज्य का कुशल नेतृत्व किया।” बता दें कि चंपई सोरेन की सरकार ने आसानी से बहुमत हासिल कर लिया है। उसके पक्ष में 47 विधायक हैं। वहीं, विपक्ष में 29 वोट मिले हैं। बहुमत साबित करने के लिए 41 विधायकों का समर्थन चाहिए।

विधानसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि कोरोना के समय हेमंत सोरेन जैसे मुख्यमंत्री के रहते किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। लुंगी चप्पल पहनकर बाहर कमाने जाने वाले लोगों को उस समय झारखंड से बाहर से वापस लाया गया। लोगों को हवाई जहाज से भी वापस लाया गया। चंपई सोरेन ने कहा, “हमने यह देखा है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बड़ा काम किया गया।”

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “झारखंड में मूलनिवासियों को कुछ नहीं मिला। इसका फायदा मुंबई और गुजरात के लोगों को मिला। खनन हमारी जमीनों पर हुआ। मूलनिवासी को सिर्फ विस्थापन मिला। यहाँ के लोगों का सामाजिक-आर्थिक शोषण होता रहा। मैं आँसू नहीं बहाऊँगा। मैं आँसू वक्त के लिए रखूँगा, क्योंकि आपके लिए दलित आदिवासियों के आँसू का कोई मोल नहीं है।”

इस दौरान हेमंत सोरेन ने कहा, “जनजातीय-दलितों और गरीबों के आँसुओं का कोई मोल नहीं है। मैं वक्त आने पर उनके एक-एक सवालों का जवाब एक-एक षड्यंत्र का जवाब वक्त आने पर बड़े मन को तरीके से दिया जाएगा।” हेमंत सोरेन ने कहा, “साबित करें कि वो जमीन मेरे नाम पर है। अगर मुझ पर घोटाले साबित हुए तो राजनीति छोड़ दूँगा।”

बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद चंपई सोरेन को गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया। चंपई सोरेन ने शुक्रवार (02 फरवरी 2024) को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 10 दिनों का समय मिला था। इस बीच सत्ताधारी दल के अधिकाँश विधायक हैदराबाद चले गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया